आपकी बॉडी लैंग्वेज बताती है कैसे हैं आप
शारीरिक मुद्राओं से पहचानें अपने सामने वाले को
आपके सामने एक ऐसा व्यक्ति आ खड़ा हो जिसके हाथ की सभी अंगुलियां खुली हों, हाथ कंधों से प्राणहीन होकर लटक रहे हों तो मान लीजिए कि ऐसे जातक में निर्णय शक्ति नहीं होती तथा ये अनिश्चय की अवस्था में रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों पर विश्वास करना खतरे से खाली नहीं है। इनको कोई रहस्य बताना भी खतरनाक है। हां, यदि आप चाहें कि अमुक बात अमुक व्यक्ति तक बिना कुछ निर्देश दिए पहुंच जाए तो ये उपयोगी सिद्ध होते हैं।ऐसे व्यक्तियों का मन-मस्तिष्क अस्पष्ट लक्ष्य वाला होता है। ऐसे लोग कुछ भी सही-गलत मशविरा सुनने के लिए तैयार रहते हैं और इस बात पर बिलकुल भी सोचने का कष्ट नहीं करते कि अगला व्यक्ति गलत कह रहा है या सही।इनके दिल-दिमाग में कोई निश्चित लक्ष्य नहीं होता। इनके लटकते हुए हाथ बताते हैं कि ये लोग असंतुलित-मस्तिष्क के गुलाम हैं और भी कोई शक्तिशाली तर्क-बुद्धि वाला मस्तिष्क इन पर हावी हो सकता है। इनकी मुख्य कमी यही है कि कोई भी इन्हें जो कुछ कहता है, ये मानते चले जाते हैं।इनमें हंस की तरह नीर-क्षीर विवेक की प्रज्ञा नहीं होती। यदि जातक कम खुले हाथ वाला हो तो वह एक मूर्ख व्यक्ति है जिसके हाथ से पैसा जल्द ही निकल जाता है।
अनिर्णय की स्थिति से परिपूर्ण जातक को आप शीघ्र प्रभावित कर सकते हैं। उसकी बातें धैर्यपूर्वक सुनते रहें। इसके बाद आप किसी ऐसे व्यक्ति से टकरा सकते हैं जिसके हाथ कमर से टिके हुए हों और मुट्ठियां बंधी हुई हों। इसका मतलब यह नहीं कि यह आदमी मुक्केबाज या लड़ाकू होगा।इसका तात्पर्य है कि यह व्यक्ति किसी चीज के अंतिम निर्णय तक पहुंचने हेतु चिंतनशील है। बंधी हुई मुट्ठी से स्पष्ट मतलब है कि मस्तिष्क ने निर्णय ले लिया है और किसी कार्य को करने हेतु अंतिम रूप दिया जा रहा है।मुट्ठियों के भींचने के दबाव के अनुपात से आपको निश्चय शक्ति की अधिकता और गुणवत्ता का पता चलेगा। यदि मुट्ठी स्वाभाविकता से हल्की बंधी हुई है तो यह कार्य के निश्चित परिणाम की सूचक है।मुट्ठी कठोरता से अंगुलियों पर जोर डालते हुए बंधी हुई है तो ऐसा जातक अभी तक अपने लक्ष्य की ओर पहुंचने में दृढ़ संकल्पित है और तनाव बरकरार है।