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Last Modified: सोमवार, 1 जनवरी 2018 (12:56 IST)

क्या कोई कांच टूट कर खुद से जुड़ सकता है?

glass | क्या कोई कांच टूट कर खुद से जुड़ सकता है?
जापान के रिसर्चरों ने एक ऐसा कांच विकसित करने में कामयाबी पाई है जो टूटने पर टुकड़ों को साथ रख कर दबाने भर से फिर जुड़ जाता है।
 
कार की खिड़कियों के कांच, मकानों में लगने वाला कांच, मछलियों का टैंक या फिर टॉयलेट सीट ऐसी जगहों पर इस्तेमाल होने वाले कांच के अक्सर टूटने या दरार पड़ने का डर बना रहता है। नई तकनीक वाला कांच इनकी उम्र तीन गुना बढ़ा सकता है। टोक्यो यूनिवर्सिटी में रसायन के रिसर्चर यू यानागिसावा ने गीली सतह को जोड़ने वाली गोंद की खोज करते वक्त अप्रत्याशित रूप से ऐसा कांच बनाने में कामयाबी हासिल की।
 
तो क्या इसका मतलब यह है कि अब स्मार्ट फोन के स्क्रीन की दरार उंगलियों से दबाने भर से ठीक हो जाएगी? या फिर बीयर के ग्लास के टुकड़े साथ रखने भर से जुड़ जाएंगे? नहीं, फिलहाल या फिर निकट भविष्य में भी ऐसा नहीं होने जा रहा है। पर इतना जरूर  है कि रिसर्चरों को लिए ज्यादा टिकाऊ और हल्के ग्लास विकसित करने का एक मौका मिला है।
 
30 सेकेंड में जुड़े टुकड़े
 
यानागिसावा ने लैब में कांच के एक नमूने को दो टुकड़े में तोड़ दिया। उसके बाद उन्होंने दोनों टुकड़ों के टूटे हिस्सों को साथ मिला कर करीब 30 सेकेंड तक दबाए रखा और उसके बाद ये टुकड़े आपस में ऐसे जुड़े कि लगा कभी टूटे ही नहीं थे। इस जोड़ की ताकत दिखाने के लिए उन्होंने ग्लास के टुकड़ों पर पूरी एक बोतल पानी उड़ेल दी लेकिन ये दोनों टुकड़े जुड़े ही रहे। ऑर्गेनिक कांच पॉलिथर थुयोरियस से बना होता है। यह मिनरल ग्लास की तुलना में एक्रिलिक के ज्यादा करीब होता है जो खाने पीने के बर्तन या फिर स्मार्टफोन की स्क्रीन बनाने में इस्तेमाल होता है।
 
दूसरे वैज्ञानिकों ने भी इस तरह के गुणों का प्रदर्शन रबर या फिर जेल जैसी चीजों का इस्तेमाल कर दिखाया है। लेकिन यानागिसावा पहले रिसर्चर हैं जिन्होंने कांच को कांच से ही जोड़ने का कमाल कर दिखाया है। यानागिसावा की रिसर्च के मुताबिक इस कमाल के पीछे है थियोरिया। यह वो चीज है जो हाइड्रोजन बॉन्डिंग का इस्तेमाल कर टूटे हुए कांच के टुकड़ों के किनारों में अपने आप जुड़ने का गुण पैदा करती है।
 
बढ़ेगी कांच की उम्र
 
लेकिन इसका क्या फायदा होगा अगर यह खुद से जुड़ने वाली आईफोन की स्क्रीन ना बना सके? यानागिसावा ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "यह सचमुच में नहीं हो सकता कि जो टूट गया है उसे जोड़ा जाए, बल्कि यह ज्यादा टिकाऊ रेजिन ग्लास बनाने की कोशिश है।"
 
यानागिसावा ने कहा, "जब कोई पदार्थ टूटता है तो उसमें पहले से ही छोटी छोटी खरोंचे पड़ जाती है जो आपस में मिल कर एक बड़े विध्वंस के रूप में सामने आती हैं। इस रिसर्च ने एक ऐसा रास्ता दिखाया है जिसके जरिए एक सुरक्षित और लंबे समय तक चलने वाला कांच बनाया जा सकता है," जिसका इस्तेमाल हम रोजमर्रा में काम आने वाली चीजों को बनाने में कर सकते हैं। इसके जरिए हम कांच की उम्र दो तीन गुना बढ़ा सकते हैं।"
 
एनआर/आईबी (एएफपी)
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