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Last Modified: बेंगलुरु , मंगलवार, 2 सितम्बर 2014 (23:17 IST)

बोल्ट ने 'क्रिकेट बल्ले' से जीता दर्शकों का दिल

बोल्ट ने 'क्रिकेट बल्ले' से जीता दर्शकों का दिल - बोल्ट ने 'क्रिकेट बल्ले' से जीता दर्शकों का दिल
बेंगलुरु। स्प्रिंट सुपरस्टार उसैन बोल्ट ने मंगलवार को युवराज सिंह के खिलाफ प्रदर्शनी क्रिकेट मुकाबले के जरिए भारत के अपने दौरे में भारतीय प्रशंसकों को अपनी ‘ट्रेडमार्क’ शैली से आकर्षित किया।
 
बोल्ट ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में 6000 के करीब दर्शकों के समक्ष अपनी क्रिकेटिया प्रतिभा का प्रदर्शन किया। स्टेडियम में उनके प्रशंसक ‘दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज’ की एक झलक पाने को बेताब थे और उनकी टीम ने इस क्रिकेट मैच में सात खिलाड़ियों वाली युवराज सिंह की टीम को पराजित किया।
 
टीम बोल्ट ने अंतिम गेंद पर टीम युवराज पर रोमांचक जीत दर्ज की। यह मुकाबला चार चार ओवर का था। छह ओलंपिक स्प्रिंट स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट बोल्ट ने 19 गेंद में 45 रन बनाए जिसमें पांच छक्के जड़े थे जिसमें से तीन युवराज की गेंदों पर लगे थे। उनकी टीम ने 59 रन का लक्ष्य मैच की अंतिम गेंद में हासिल कर लिया। 
 
हालांकि बोल्ट की प्रतियोगिता को देखते हुए दर्शक कम संख्या में मौजूद थे, लेकिन जितने भी प्रशंसक मौजूद थे, वे उन्हें देखकर उत्साह से भरे थे और जब भी जमैका का यह धुरंधर शॉट लगाता, वे उनके प्रत्येक शॉट पर चीयर करते। 
 
यह मुकाबला हालांकि किसी क्रिकेटिया काबिलियत को देखने के लिए बल्कि केवल रोमांच के लिए ही था। युवराज ने हालांकि ‘मीठा बदला भी चुकता’ किया, उन्होंने ट्रैक पर 100 मीटर स्प्रिंट में बोल्ट को पराजित किया। रेस के दौरान रोमांचक माहौल था।
 
100 मीटर और 200 मीटर दोनों के विश्व रिकॉर्डधारी बोल्ट ने युवराज को रेस जीतने दी। युवराज ने फिनिशिंग लाइन पर पहुंचकर ‘मोबोट स्टाइल’ में जीत का जश्न मनाया जैसा बोल्ट ने 2012 लंदन ओलंपिक के दौरान किया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के लंबी दूरी के धावक मो फराह की नकल उतारकर जश्न मनाया था।
 
टीम बोल्ट में उनके परम मित्र नुगेंट वॉल्कर जूनियर और भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह मौजूद थे जबकि भारत की 2011 क्रिकेट विश्व कप टीम के नायक युवराज सिंह की टीम में आदित्य तारे मौजूद थे। इस मुकाबले को ‘बोल्ट एंड युवी-बैटल ऑफ द लीजेंड्स’ नाम दिया गया।
 
टीम बोल्ट को अंतिम दो गेंदों पर 10 रन की दरकार थी और पहली गेंद पर बोल्ट ने काम चलाऊ ऑफ स्पिनर आदित्य तारे की गेंद पर उनके सिर के ऊपर से सीधा छक्का लगाया। 
 
इस तरह अंतिम गेंद में चार रन की जरूरत थी, बोल्ट ने लंबा शॉट मारने की कोशिश की लेकिन वे चूक गए, तभी युवराज और उनकी टीम ने जश्न मनाना शुरू कर दिया लेकिन मैच की मेजबानी करने वाले अजय जडेजा ने मुकाबले में रोमांचक पुट डालने में अपनी भूमिका अदा की।
 
उन्होंने इस गेंद को नो-बाल करार दिया और बोल्ट खुश हो गए। उन्होंने इस फ्री हिट पर पार्क के बाहर छक्का लगाने का मौका नहीं गंवाया और अपनी टीम को जीत दर्ज करने में मदद की। 
 
यह मैच स्पोर्ट्सगीयर प्यूमा द्वारा आयोजित किया गया था। बोल्ट और युवराज दोनों प्यूमा के दूत हैं। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम युवराज ने चार ओवर में 58 रन बनाए। युवराज और तारे ने क्रमश: 14 गेंद में 24 और 11 गेंद में 30 रन बनाए।
 
युवराज ने चार चौके और एक छक्का जबकि तारे ने चार चौके और एक छक्का लगाया। युवराज हालांकि जल्द ही स्टंप आउट हो गए थे, लेकिन उन्होंने इस प्रारूप की वजह से बल्लेबाजी जारी की, जिसमें दोनों टीमों के कप्तानों को अपने संबंधित ओवरों में पूरे मैच में खेलने की अनुमति देता है। (भाषा)