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Last Modified: शनिवार, 3 अप्रैल 2021 (11:40 IST)

2011 विश्व विजेता टीम के सदस्य थे विराट, लेकिन जीत की 10वीं सालगिराह पर नहीं किया एक भी ट्वीट

2011 विश्व विजेता टीम के सदस्य थे विराट, लेकिन जीत की 10वीं सालगिराह पर नहीं किया एक भी ट्वीट - Virat Kohli remains mum on Indias 2011 world cup victory
2 अप्रैल साल 2011 को कोई क्रिकेट फैन कैसे भूल सकता है। फैंस ही क्यों यह जीत टीम के हर सदस्य के लिए खास थी तभी तो कल युवराज सिंह, हरभजन सिंह, यूसूफ पठान, सुरेश रैना ने इस पल को वापस याद किया जब भारत 28 साल बाद विश्व विजेता बना था।
 
सचिन तेंदुलकर जो कि कल कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हो गए थे उन्होंने भी इस पल को याद किया और टीम और सभी भारतीयों को बधाई दी। हालांकि 2011 विश्वकप फाइनल मैच में सचिन के आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे विराट कोहली ने इस पल को याद करना जरूरी नहीं समझा। 
 
वर्तमान की टीम में सिर्फ विराट कोहली ही ऐसे खिलाड़ी है जो साल 2011 की विश्वविजेता टीम का हिस्सा थे। बाकि खिलाड़ी या तो संन्यास ले चुके हैं या तो फिर उनकी वापसी की कोई भी उम्मीद टीम इंडिया में नहीं है। कोहली के विराट होने से पहले ही टीम इंडिया विश्वकप जीत गया कोहली को इससे बड़ी सौगात नहीं मिल सकती थी।
 
लेकिन ना जाने क्यों विराट कोहली ने इस विशाल पल पर चुप्पी बांध कर रखी। वह जिस पर्फ्यूम के ब्रांड एंबेसेडर हैं उसका वीडियो ट्वीट करने का समय उनको मिल गया लेकिन जूनियर रहते ही वह विश्व विजेता टीम का हिस्सा बने यह सौभाग्य उनको मिला ऐसा कुछ भी ट्विटर पर उन्होंने नहीं लिखा। यह लिखना तो छोड़िए एक सादी सी बधाई भी उनसे नहीं दी गई।
 
विराट कोहली ने कप्तान के तौर पर नहीं जीती है आईसीसी ट्रॉफी
 
इसका कुछ भी मतलब निकाला जा सकता है लेकिन एक बात गौर करने वाली यह है कि जब से विराट कोहली कप्तान बने हैं एक भी आईसीसी ट्रॉफी भारत नहीं जीत पाया है। ना ही आईसीसी वनडे विश्वकप, आईसीसी टी-20 विश्वकप, ना ही आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी। आखिरी बार भारत ने आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में साल 2013 में जीती थी।
 
विराट का वनडे विश्वकप जीत की 10वीं सालगिराह पर बेरूखी का रवैया यह बताता है कि कहीं ना कही विराट के मन में यह बात है कि कप्तान के तौर पर मैं एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाया हूं तो मैं 2011 की विश्व कप जीत की सालगिराह पर क्यों ही बधाई दूं।
 
समय समय पर कोहली की कप्तानी की आलोचना होती रहती है खासकर इन बड़े टूर्नामेंटों में लेकिन बोर्ड पर उनकी कप्तानी को लेकर अटूट विश्वास है। विराट कोहली बल्ले से भी थोड़ा संघर्ष कर रहे हैं। 14 अगस्त 2019 के बाद से उन्होंने कोई भी वनडे शतक और 10 नवंबर 2019 के बाद से टेस्ट शतक नहीं लगाया है।
 
गौरतलब है कि 2011 वनडे विश्वकप के अपने पहले मुकाबले में ही विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ा था। फैंस उम्मीद कर रहे थे कि विराट कोहली कम से कम उस पारी के बारे में ही लिख देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
 
फाइनल की जीत में विराट कोहली ने गौतम गंभीर के साथ 83 रनों की साझेदारी उस वक्त की थी जब भारत अपने दोनों सलामी बल्लेबाज सचिन और सहवाग खो चुका था। विराट कोहली ने 49 गेंदो में 4 चौकों की मदद से 35 रन बनाए थे। उनका एक शानदार कैच तिलकरत्ने दिलशान ने अपनी ही गेंद पर पकड़ा था। (वेबदुनिया डेस्क) 
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