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Last Modified: कानपुर , मंगलवार, 19 जुलाई 2016 (17:43 IST)

'यूपीसीए' के कई पदाधिकारी हो सकते हैं बाहर...

'यूपीसीए' के कई पदाधिकारी हो सकते हैं बाहर... - UPCA, Supreme Court, Lodha Committee
कानपुर। उच्चतम न्यायालय ने लोढा समिति की प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और ऐसे में सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) को लगेगा जिसके सभी पांच निदेशक 70 साल से अधिक उम्र के हैं और उनके कोषाध्यक्ष को भी अपना पद छोड़ना पड़ेगा। 
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यूपीसीए के सभी पांच निदेशकों की उम्र 70 साल से अधिक है। इनमें शोएब अहमद (78 वर्ष), पीडी पाठक (83), मदन मोहन मिश्रा (83), एस के अग्रवाल (79) और ज्योति बाजपेयी (80) हैं। इनके अलावा कोषाध्यक्ष केएन टंडन (81) भी लोढा कमेटी की सिफारिशों के दायरे में आ रहे हैं। 
 
हितों के टकराव के मुद्दे पर देखें तो यूपीसीए के सीएओ दीपक शर्मा और सीनियर चयन समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडे इसकी गिरफत में आ रहे हैं। शर्मा के दो बेटे अंडर 19 में खेलते हैं, वहीं पांडे का भतीजा रणजी ट्रॉफी के संभावित खिलाड़ियों में शामिल है। वैसे लोढा समिति की इन सिफारिशों से पूर्व रणजी खिलाड़ी काफी खुश हैं कि उन्हें यूपीसीए में अब मौका मिलेगा। 
 
लोढा समिति के एक व्यक्ति एक पद के दायरे में आईपीएल चेयरमैन और यूपीसीए सचिव राजीव शुक्ला भी आ रहे हैं क्योंकि इनके पास भी दो पद हैं। वैसे यूपीसीए के अधिकारियों का कहना है कि शुक्ला इन नियमों के दायरे में नहीं आते, क्योंकि आईपीएल के चेयरमैन का पद सीधे बीसीसीआई से नहीं जुड़ा है। 
 
उत्तर प्रदेश रणजी टीम के एक पूर्व खिलाड़ी ने लोढा समिति की सिफारिशों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कहा कि उम्र तय कर देने से अब पूर्व खिलाड़ियों को यूपीसीए में काम करने का मौका मिलेगा। अभी तक वे लोग संघ से जुड़े थे जिन्होंने कभी बल्ला भी नहीं पकड़ा और खिलाड़ियों को उनकी मनमानी सहनी पड़ती थी। (भाषा)
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