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Last Modified: बुधवार, 9 मार्च 2022 (16:31 IST)

कोरोना के बाद भी इस कारण गेंद को लार से नहीं चमका पाएंगे गेंदबाज, पढ़िए बदले गए सारे नियम

कोरोना के बाद भी इस कारण गेंद को लार से नहीं चमका पाएंगे गेंदबाज, पढ़िए बदले गए सारे नियम - Saliva Ban to stay despite diminishing corona cases with each passing day
कोरोना दौर में जब क्रिकेट शुरु हुआ था तो आईसीसी ने लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे दुनिया भर के गेंदबाज आतंकित हो गए थे। कई गेंदबाजों ने इस पर अपनी राय रखी। हालांकि इस नियम के साथ मैदान पर गेंदबाज जल्द ही ढल गए।

इस दौरान आईसीसी की ओर से यह भी कहा गया कि  नियम अनुसार टीम को पहले दो बार चेतावनी दी जाएगी अगर कोई भी खिलाड़ी फिर भी नियमों का उल्लंघन करते हैं तो टीम के खाते से 5 रन काट लिए जाएंगे। हालांकि गर्दन या शरीर के किसी अंग से पसीने का उपयोग करके गेंद को चमकाने की अनुमति थी।

कोरोना केसों में लगातार कमी के बावजूद एमसीससी ने अन्य नियमों के साथ यह भी कहा कि गेंद को चमकाने के लिये लार का प्रयोग अनुचति माना जायेगा। एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता ।

एमसीसी ने कहा ,‘‘ कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।’’

इसमें कहा गया ,‘‘एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता । खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिये पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं जो समान रूप से प्रभावी है।’’

इसमें कहा गया ,‘‘ नये नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा । इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है। लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जायेगा।’’

संहिता में बदलाव का सुझाव एमसीसी नियमों की उपसमिति ने दिया है जिसे मुख्य समिति ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी । ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे।

एमसीसी के नियम प्रबंधक फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा ,‘‘ 2022 संहिता में कुछ बड़े बदलाव किये गए हैं। खेल के प्रति क्लब की वैश्विक प्रतिबद्धता को देखते हुए इनका ऐलान जरूरी था। अक्टूबर में इनके लागू होने से पहले दुनिया भर के अधिकारियों को इनके बारे में समझने का समय देना होगा।’’

नियमों में अन्य बदलाव इस प्रकार हैं।

नियम एक : वैकल्पिक खिलाड़ी :

विकल्प को उसी खिलाड़ी की तरह माना जायेगा जिसकी जगह उसने ली है यानी मैच के दौरान उस खिलाड़ी पर लगी कोई सजा या विकेट वगैरह भी इसमें शामिल होंगे।

नियम 18 : कैच देकर आउट होने वाले बल्लेबाज संबंधी

अगर कोई बल्लेबाज कैच आउट हुआ है तो उसकी जगह आने वाला नया बल्लेबाज अगली गेंद खेलेगा (ओवर खत्म होने की दशा में नहीं)

नियम 20.4.2.12 : डेड गेंद

मैदान पर किसी व्यक्ति, पशु या अन्य चीज से किसी टीम को नुकसान होने पर डेड गेंद का इशारा होगा । मसलन पिच पर कोई घुस जाये या मैदान पर कुत्ता दौड़ जाये या कई बार बाहरी बाधा होती है तो इसका असर खेल पर पड़ने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे ।

नियम 21.4 : गेंद से पहले गेंदबाज का स्ट्राइकर छोर पर गेंद डालना

यदि कोई गेंदबाज गेंद डालने से पहले स्ट्राइकर की ओर रन आउट के इरादे से गेंद फेंकता है तो इसे डेड गेंद माना जायेगा। ऐसा वैसे बहुत ही कम होता है और अब तक इसे नोबॉल कहा जाता था।

नियम 22.1 : वाइड गेंद

इसमें गेंद डाले जाने के समय बल्लेबाज की मूवमेंट का उल्लेख है। ऐसा माना गया कि उस गेंद को वाइड कहना अनुचित होगा जो उस जगह पर पड़ी है जहां गेंदबाज के एक्शन में आने के समय बल्लेबाज खड़ा था। अब वाइड का इशारा करते समय ध्यान रखा जायेगा कि गेंदबाज के रनअप लेने के समय बल्लेबाज कहां खड़ा था।

नियम 25.8 : गेंद को खेलने का बल्लेबाज का अधिकार

अगर गेंद पिच से बाहर गिरती है तो नये नियम के तहत बल्लेबाज के बल्ले का कुछ हिस्सा या उसके पिच के भीतर रहने पर उसे गेंद को खेलने का अधिकार होगा। उसके बाहर जाने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे । पिच छोड़ने के लिये मजबूर करने वाली कोई भी गेंद नोबॉल होगी।

नियम 27.4 और 28.6 : फील्डिंग करने वाली टीम की अनुचित मूवमेंट

अब तक फील्डिंग करने वाली टीम के किसी सदस्य की अनुचित मूवमेंट को डेड गेंद से दंडित किया जाता था । अब से ऐसा होने पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे।
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