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Last Modified: शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015 (11:45 IST)

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हुए 42 साल के

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हुए 42 साल के - Sachin tendulkar, turns 42, birthday, India team, cricket
24 अप्रैल यानि आज सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन है। हर साल सचिन के जन्मदिन पर क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह देखा जाता है। लेकिन सचिन 24 अप्रैल को भीड़भाड़ से दूर अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं। 
भारत देश में कई महान हस्तियों ने जन्म लिया है, जिन्हें इस बात पर गर्व रहा है कि उनकी किस्मत में भारत भूमि लिखी थी। सचिन की बल्लेबाजी देखकर पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमी सोचते हैं कि काश, सचिन ने भारत की बजाय हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमारे देश की क्रिकेट का भी पूरी दुनिया में इसी तरह सम्मान किया जाता।
 
सचिन ने बेशक भारतीय क्रिकेट में अपने योगदान से चार चांद लगा दिए हैं। हर भारतवासी को इस बात का अभिमान है कि सचिन उसका देशवासी है। भारतीय क्रिकेट में अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद सचिन।
 
एक बार रवि शास्‍त्री ने कहा था कि क्रिकेट यदि धर्म है तो सचिन उसके भगवान हैं। 42 साल के सचिन रमेश तेंदुलकर के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऊंचे मुकाम पर पहुंचना किसी परी कथा से कम नहीं है। क्रिकेट को अपना बनाने के लिए उन्‍होंने कड़ी मेहनत की है। अपना सर्वश्रेष्‍ठ देने के बाद भी आलोचनाओं को सिर आंखों पर लिया है और हर बार इसका जवाब अपने प्रदर्शन से दिया।
 
जिस उम्र में खिलाड़ी अपना पहला शतक लगाते हैं, उसी उम्र में तेंदुलकर ने कई शतक अपने नाम कर लिए थे। 16 साल की उम्र में पाकिस्‍तान के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करते हुए उन्‍होंने जब धुआंधार बल्‍लेबाजी की तो उनके प्रतिभाशाली होने का सबूत मिल गया था।
 
लेकिन इसके बाद 18 साल के अपने करियर में वे प्रतिभाशाली शब्‍द को कहीं पीछे छोड़ गए और क्रिकेट के आदर्श और भगवान की श्रेणी में शामिल हो गए।
 
सचिन किस श्रेणी के बल्लेबाज हैं, इस बात का अंदाजा हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि दुनिया के सभी महान क्रिकेटर (सर डॉन ब्रेडमैन से लेकर माइकल क्लार्क तक) निर्विवाद रूप से सचिन की बल्लेबाजी के प्रशंसक हैं।
 
तेंदुलकर के विशाल रिकॉर्ड और भारतीय टीम के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उन्‍हें न केवल समकालीन बल्‍कि आज तक के क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है। कहना अतिश्‍योक्ति नहीं होगा कि सचिन की आलोचना के बहाने कुछ लोग खुद को चर्चा में रखने की कोशिश करते हैं।
 
सचिन के नाम सबसे ज्‍यादा रनों का रिकॉर्ड तो है ही, साथ ही में वनडे और टेस्‍ट मैचों में भी सबसे ज्‍यादा शतक जड़ने का भी रिकॉर्ड है। ये सभी रिकार्ड ऐसे हैं जो वर्तमान के खिलाड़ी बिना किसी चमत्‍कार के पूरा नहीं कर सकते।
 
सचिन तेंदुलकर को भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्‍हें 2014 में भारत रत्न जैसे भारत के सर्वश्रेष्ठ सम्मान से नावाजा था। 1997-1998 का राजीव गाँधी खेल रत्‍न पुरस्‍कार दिया। उन्‍हें पद्यश्री की उपाधि भी मिल चुकी है। पांच फुट चार इंच के इस बैटिंग चैंपियन ने मास्‍टर ब्‍लास्‍टर बनने के लिए अपने शरीर पर कई जख्‍म सहे हैं।
 
कुहनी की चोट के कारण उन्‍हें ऑपरेशन भी करवाना पड़ा। लेकिन बॉम्बे बम सचिन ने कोई समझौता नहीं किया। अच्‍छे और जोरदार शॉट लगाने के लिए साथी खिलाड़ियों की अपेक्षा भारी बल्‍ला उठाने से उन्‍होंने कभी परहेज नहीं किया।
 
कई बार मैन ऑफ द सीरीज और मैन ऑफ द मैच का पुरस्‍कार पाने वाले सचिन को विस्‍डन ने एक साल में 1000 रन बनाने पर 1997 में क्रिकेटर ऑफ द इयर घोषित किया। उसके बाद तो यह सिलसिला चल पड़ा। वर्ष 1999, 2001 और 2002 में भी वह प्‍लेयर ऑफ द इयर रहे। 1000 रनों का आँकड़ा उन्‍होंने अपने करियर में 7 बार छूआ- 1994, 1996, 1997, 1998, 2000, 2003 और 2010 में। वर्ष 1998 में तो उन्‍होंने एक साल में 1894 रन बना डाले, जो आज भी वन-डे मैच का रिकॉर्ड है।(भाषा)