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Last Updated : सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (23:51 IST)

रोहित शर्मा की कप्तानी में दिखी धोनी की झलक, लेते रहे कोहली की भी मदद

रोहित शर्मा की कप्तानी में दिखी धोनी की झलक, लेते रहे कोहली की भी मदद - Rohit Sharma on spot DRS review reminded MSDs Midas Touch
वैसे तो रोहित शर्मा 1000वें वनडे से पहले भारत के लिए 10 वनडे मैचों की कप्तानी कर चुके थे लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे में वह फुट टाइम कप्तानी की शुरुआत कर रहे थे।

उनकी कप्तानी पर किसी को शक नहीं है लेकिन पहले वनडे में उन्होंने बताया कि टॉस से पहले ही वह कप्तानी में चूक नहीं करते। टॉस जीतने के बाद रोहित शर्मा ने बेहिचक पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पिच को उन्होंने अच्छे से पढ़ा और वह भांप चुके थे कि पिच घुमाव लेगी।

काफी कुछ महेंद्र सिंह धोनी की तरह उन्होंने क्रिकेट की बारिकियां शुरुआत से ही मैदान पर उतारी। 10 में से 7 विकेट स्पिन गेंदबाजों ने लिए, रोहित का फैसला सही साबित हुआ।

डीआरएस में धोनी जैसी सटीकता

डीआरएस यानि डिसीजन रिव्यू सिस्टम को कभी कभी धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहा जाता था क्योंकि धोनी काफी सटीकता से रिव्यू लेते थे, तब भी जब वह कप्तान नहीं थे।

कुछ ऐसा ही पहले वनडे में हुआ। कुल तीन बार अंपायर ने उंगली उठाने से मना किया और तीनों बार अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।

1)टीम में वापसी कर रहे वाशिंगटन सुंदर ने 12वें ओवर में वेस्टइंडीज को दोहरा झटका दिया। ओवर की दूसरी गेंद पर ब्रैंडन किंग (13 रन) को सूर्यकुमार की हाथों कैच करने के बाद छठी गेंद पर डेरेन ब्रावो को पगबाधा किया। मैदान अंपायर ने भारतीय खिलाड़ियों की अपील खारिज कर दी थी लेकिन कप्तान रोहित ने डीआरएस का सहारा लिया। टेलीविजन रिप्ले में गेंद विकेट से टकराते दिखी और अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।

2)चहल ने अपने पहले ओवर की तीसरी गेंद पर पूरन के खिलाफ पगबाधा की अपील की लेकिन मैदानी अंपायर के नकारने के बाद रिव्यू का सहारा लिया गया और अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।

3)उन्होंने अपने दूसरे ओवर में वेस्टइंडीज को छठा झटका दिया। इस बार शमार ब्रुक्स (10 रन) उनके शिकार बने, जिन्हें विकेट के पीछे पंत ने लपका। यह तीसरी बार हुआ जब मैदानी अंपायर के नकारने के बाद भारत ने रिव्यू का सहारा लिया जो सफल रहा।


विराट कोहली से लेते रहे सलाह

कप्तान बनने के बाद रोहित शर्मा ने विराट कोहली को अलग थलग नहीं किया। वह कई बार फील्ड पर उनसे सलाह लेते दिखे। तीसरी बार रिव्यू लेने पर कोहली के यह कहने पर कि गेंद बल्ले पर लगी है, रोहित ने रिव्यू का इशारा अंपायर को किया था।

इसके अलावा फील्ड सेटिंग में भी विराट कोहली की मदद रोहित लेते रहे कि किस खिलाड़ी को कहा लगाना फायदेमंद होगा। चहल जब हैट्रिक के करीब थे तो विराट कोहली ने ही खुद कहा कि वह फॉर्वर्ड शॉर्ट लेग पर आना चाहते हैं ताकि चहल के हैट्रिक की संभावना बन सके। इससे पता चलता है कि कोहली मैदान में कितने एक्टिव थे।
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