क्या रवींद्र जड़ेजा अच्छे ऑलराउंडर हैं?
वेबदुनिया खेल डेस्क
रवींद्र जड़ेजा को भारतीय क्रिकेट टीम में हर प्रारूप में हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में शामिल किया जाता है जहां उनकी भूमिका बल्ले और गेंद से तय की जाती है। जड़ेजा घरेलू क्रिकेट के बहुत बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें अभी बहुत कुछ साबित करना है।
हालांकि जड़ेजा ने समय समय पर अपने हरफनमौला खेल से क्रिकेट विशषज्ञों की तारीफ बटोरी है। न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में भी जडेेजा ने अपने बल्ले और गेंद का हुनर बखूबी दिखाया।
न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में ग्रीनपार्क के स्पिन के मददगार विकेट पर जड़ेजा को एक विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में शामिल किया गया, जिस पर कुछ लोगों के मन में सवाल होगा कि आर अश्विन की सहायता के लिए एक स्पिनर और होना चाहिए था, लेकिन कप्तान विराट कोहली छह बल्लेबाजों और चार गेंदबाजों के फॉर्मूले के साथ मैदान में उतरे और कामयाबी पाई।
जड़ेजा को टेस्ट टीम में शामिल करने को लेकर अक्सर क्रिकेट विशेषज्ञों में मतभेद रहे हैं। अश्विन के साथ कौन स्पिनर टीम में होगा यह एक अहम सवाल था, जिसका जवाब कानपुर टेस्ट में जड़ेजा के रूप में देखने को मिला। इस स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने छह विकेट लेकर न केवल गेंद के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया, बल्कि बल्लबेाजी में भी हाथ आज़माते हुए 42 नाबाद और 50 नाबाद के स्कोर बनाए। जड़ेजा को उनके इस प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
सवाल यह है कि क्या जड़ेजा सचमुच एक विश्व स्तरीय ऑलराउंडर हैं या फिर उपमहाद्वीप के स्पिन गेंदबाजों के मददगार विकेट पर प्रभावी साबित होने वाले एक गेंदबाज़ जो ठीक ठाक बल्लेबाजी भी कर लेता है?
जड़ेजा का टेस्ट रिकॉड देखने पर पता चलता है कि 18 टेस्ट में बतौर बल्लेबाज उन्होंने 24.45 की औसत से 587 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका सर्वोच्य स्कोर 68 रन है। गेंदबाजी में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है और 23.29 की औसत से 77 विकेट लेने में सफल हुए हैं।
आंकड़े कहते हैं कि जड़ेजा टेस्ट क्रिकेट में उपयोगी गेंदबाज़ हैं, लेकिन अच्छे ऑलराउंडर के तमगे को सिद्ध करने के लिए उन्हें अभी और बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी।