दोहरा शतक लगाने के बाद भी क्यों पृथ्वी को नहीं है वापसी की आस, शॉ ने खोला राज (Video)
हाल में लिस्ट ए क्रिकेट में दूसरा दोहरा शतक जड़ने के बाद भारतीय टीम से बाहर चल रहे सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ Prithvi Shaw ने माना कि वह इस समय राष्ट्रीय टीम में अपने भविष्य के बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि वह सिर्फ काउंटी क्रिकेट में अपने खेल का लुत्फ लेना चाहते हैं।
साव ने नॉर्थम्पटनशर की तरफ से खेलते हुए इंग्लैंड के एकदिवसीय कप टूर्नामेंट में समरसेट के खिलाफ बुधवार को 153 गेंदों पर 244 रन की पारी खेलकर फॉर्म में वापसी की।पहली बार काउंटी क्रिकेट में खेल रहे इस 23 वर्षीय बल्लेबाज ने अपनी पारी के दौरान 28 चौके और 11 छक्के लगाए। यह लिस्ट ए में उनका दूसरा दोहरा शतक है। यह उनका इस प्रारूप में कुल नौवां शतक है।
वह पिछले दो साल से भारतीय टीम की दौड़ से बाहर चल रहे हैं, उन्होंने भारत के लिए अंतिम मैच जुलाई 2021 में श्रीलंका दौरे पर खेला था।वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला में भी उन्हें शामिल नहीं किया गया और वह आगामी आयरलैंड श्रृंखला और एशियाई खेलों के लिए दूसरे दर्जे की भारतीय टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा नहीं हैं।
साव ने मैच के बाद कहा, निश्चित रूप से यहां अनुभव हासिल करने के लिए खेल रहा हूं। मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं कि भारतीय चयनकर्ता क्या सोच रहे हैं। लेकिन मैं यहां अच्छा समय बिताना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, नॉर्थम्पटनशर ने मुझे यह मौका दिया, वे मेरा ख्याल रख रहे हैं और मैं इसका आनंद ले रहा हूं। साव ने कहा कि अच्छी धूप निकल रही थी और यह उनकी बल्लेबाजी के लिए आदर्श हालात थे। उन्होंने कहा, धूप निकल रही थी, यह भारत के मौसम जैसा ही दिन था इसलिये यह अच्छा था। मैं किसी भी चीज के बारे में नहीं सोच रहा था।
उन्होंने कहा, आप जानते हो कि जब अंदरूनी किनारा भी मुझे आउट नहीं कर पाता तो मतलब है कि यह दिन मेरा है। आप कभी कभार भाग्यशाली होते हो इसलिये यह मेरा दिन था। जब मैंने 150 रन बनाये तो मैंने सोचा कि गेंद की टाइमिंग काफी अच्छी थी और यह बड़ी पारी खेलने का दिन हो सकता है। साव ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो 227 रन मेरे दिमाग में था। मैंने वाइटी (सैम वाइटमैन) से बात की तो मैंने उससे कहा कि 227 रन होंगे, जो मेरा सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने कहा, यह अच्छा टीम प्रयास था। मैं हमेशा टीम के लिए मैच जीतने की कोशिश करता हूं और मैं ऐसा खिलाड़ी हूं जो खुद से पहले टीम को रखता हूं।
(भाषा)