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Last Updated : गुरुवार, 5 जनवरी 2017 (18:39 IST)

17 साल के पृथ्वी शॉ ने सचिन के कमाल को दोहराया, मुंबई 46वीं बार रणजी फाइनल में

17 साल के पृथ्वी शॉ ने सचिन के कमाल को दोहराया | 17-year-old prathvi Shaw repeated Tendulkar's feat
राजकोट। युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के अपने पदार्पण मैच में ही शतक से मुंबई ने गुरुवार को यहां तमिलनाडु को 6 विकेट से हराकर 46वीं बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई, जहां उसका सामना गुजरात से होगा। पृथ्वी ने सचिन तेंदुलकर के कारनामे को दोहराया क्योंकि सचिन ने भी रणजी के पदार्पण मैच में सैकड़ा जमाया था। 
3 साल पहले स्कूली मैच में 546 रन की पारी खेलकर चर्चा में आने वाले 17 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी ने 120 रनों की जबर्दस्त पारी खेली जिससे 41 बार के चैंपियन मुंबई ने खेल के 5वें और अंतिम दिन गुरुवार को यहां 251 रनों का लक्ष्य 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
 
मुंबई अब 42वीं बार खिताब जीतने के लिए गुजरात से भिड़ेगा जिसने बुधवार को झारखंड को हराकर दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया था। तमिलनाडु ने बुधवार को अपनी दूसरी पारी 6 विकेट पर 356 रन पर समाप्त घोषित करके मुंबई के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था लेकिन पृथ्वी की शानदार बल्लेबाजी ने इसे बौना बना दिया।
 
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 272 मिनट क्रीज पर बिताए और 175 गेंदें खेलीं। उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और 1 छक्का लगाया। अपनी पारी के दौरान उन्होंने 3 अर्द्धशतकीय साझेदारियां भी निभाईं। 
 
'मैन ऑफ द मैच' पृथ्वी ने प्रफुल्ल वाघेला (36) के साथ पहले विकेट के लिए 90, श्रेयस अय्यर (40) के साथ दूसरे विकेट के लिए 91 और सूर्यकुमार यादव (34) के साथ तीसरे विकेट के लिए 57 रन जोड़े। पृथ्वी आखिर में बाएं हाथ के स्पिनर औशिक श्रीवानिस (73 रन देकर 2 विकेट) की गेंद पर डीप मिडविकेट पर कैच देकर पैवेलियन लौटे लेकिन तब मुंबई लक्ष्य से केवल 10 रन दूर था।
 
इस बीच भाग्य ने भी पृथ्वी का साथ दिया। जब वे 99 रन पर थे तब विजय शंकर की गेंद पर उन्होंने शॉर्ट थर्ड मैन पर कैच थमा दिया था। अंपायर ने हालांकि इसे नोबॉल दिया जिससे पृथ्वी को शतक जमाकर अपने मुंबई की तरफ से पदार्पण मैच में शतक जड़ने वाले सचिन तेंदुलकर और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों की सूची में शामिल होने का मौका मिल गया।
 
मुंबई ने सुबह बिना किसी नुकसान के 5 रन से आगे खेलना शुरू किया था। रविचन्द्रन अश्विन के बिना उतरा तमिलनाडु का गेंदबाजी आक्रमण कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाया तथा मुंबई के बल्लेबाजों विशेषकर पृथ्वी ने सहजता से रन बटोरे। 
 
नवंबर 2013 में हैरिस शील्ड मैच में 546 रन की रिकॉर्ड पारी खेलने वाले शॉ ने एक मंझे हुए बल्लेबाज की तरह बल्लेबाजी की और ढीली गेंदों को बाउंड्री तक पहुंचाने में कोताही नहीं बरती। फाइनल 10 से 14 जनवरी के बीच इंदौर में खेला जाएगा। (भाषा)
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