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Last Modified: गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (22:48 IST)

भारतीय बल्लेबाज ही टीम इंडिया को जिता सकते हैं ब्रिस्बेन टेस्ट

भारतीय बल्लेबाज ही टीम इंडिया को जिता सकते हैं ब्रिस्बेन टेस्ट - Only Batsmen can win it for team india in Brisbane
फिटनेस से जूझ रही टीम इंडिया को अगर ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत हासिल करना है या टेस्ट मैच ड्रॉ कराना है तो काफी कुछ पहले चार बल्लेबाजों की भूमिका बहुत अहम रहेगी।
 
रोहित शर्मा (26) और गिल (50)  ने सिडनी टेस्ट की पहली पारी में पहले विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी की थी। वहीं दूसरी पारी में रोहित शर्मा (52) और गिल (31)  ने 71 रनों की साझेदारी की।दोनों ही पारियों में सलामी बल्लेबाजों ने 20 से ज्यादा ओवर खेले। 
 
सलामी बल्लेबाजों का हालिया फॉर्म ही भारत के लिए एक उम्मीद की किरण है जिससे वह ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत की आशा रख सकता है।
 
नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने वाले चेतेश्वर पुजारा दो अर्धशतक जमाकर इस सीरीज में भी भारत की रीढ़ बंद कर रहे हैं। पिछली बॉर्डर गावस्कर सीरीज में चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला था। भारतीय टीम कितने रन बनाती है यह काफी कुछ पुजारा के बल्ले पर भी निर्भर करेगा।
 
मेलबर्न टेस्ट में शतक जमाकर टीम इंडिया का मनोबल ऊंचा करने वाले कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे को भी बल्ले से अपना रंग दिखाना होगा ताकि टीम इंडिया एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच जाए।
 
सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत अपना शतक मात्र 3 रन से चूक गए थे। उन्होंने 118 गेंद में 97 रन बनाए जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। भारत की टीम ऋषभ पंत से सिडनी जैसे प्रदर्शन की उम्मीद ब्रिस्बेन में भी करेगी।
 
हालांकि यह ज्यादा मुमकिन तब लगेगा जब भारत टॉस जीतता है और बल्लेबाजी का फैसला करता है। क्योंकि चौथे टेस्ट में तो बल्लेबाजी ही भारत का मजबूत पक्ष है।
 
गेंदबाजी से भारत को उम्मीद इसलिए कम है क्योंकि भारत के पास तेज गेंदबाजी विभाग में अब मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी के अलावा शार्दुल ठाकुर और टी नटराजन रह गए हैं। सिराज के पास दो टेस्टों और सैनी के पास एक टेस्ट का अनुभव है। ठाकुर ने अपना एकमात्र टेस्ट 2018 में खेला था जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नटराजन को अपना टेस्ट पदार्पण करना है।  
 
आर अश्विन भी चोटिल हैं और अगर उनकी जगह कुलदीप यादव को मौका मिलता है तो भारत का स्पिन विभाग भी अनुभवहीन होगा। (वेबदुनिया डेस्क) 
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