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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 30 जून 2015 (18:23 IST)

बागी लीग की सफलता संभव नहीं : श्रीनिवासन

बागी लीग की सफलता संभव नहीं : श्रीनिवासन - N. Srinivasan
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन एन. श्रीनिवासन ने  एक बार फिर बागी क्रिकेट लीग के अस्तित्व में आने की संभावनों को लेकर साफ किया है कि यदि ऐसी कोई लीग शुरू भी होती है तब भी उसकी सफलता की कोई गुंजाइश नहीं है।
   
     
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन ने एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार में बागी लीग को लेकर कहा कि भले ही क्रिकेटरों को भारी भरकम करार सौंपे जाएं लेकिन बागी क्रिकेट लीग की सफलता संभव नहीं है। श्रीनिवासन का यह बयान ऐसे समय आया है जब मई में एक बार फिर बागी क्रिकेट टूर्नामेंट के शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
        
वर्ष 2007 में भी एसेल ग्रुप ने इंडियन क्रिकेट लीग शुरू की थी, जिसे बोर्ड ने बागी करार देकर रद्द कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर और माइकल क्लार्क जैसे बड़े खिलाड़ियों को मोटी रकम वाले करार के साथ संपर्क भी किया गया था लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि मौजूदा क्रिकेट प्रणाली काफी मजबूत है और उसके सामने किसी बागी क्रिकेट लीग का अस्तित्व संभव नहीं होगा।
         
उन्होंने कहा मुझे लगता है कि किसी भी बागी क्रिकेट लीग को तैयार करना या उसकी सफलता संभव नहीं है। विभिन्न देशों में क्रिकेट एक सफल खेल है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में क्रिकेट की संरचना घरेलू स्तर पर तैयार की गई है जो कई दशक पुरानी है और भारत में क्रिकेट को 80-90 वर्ष का समय हो गया है।
       
आईसीसी प्रमुख ने कहा आईसीसी के टूर्नामेंट काफी लोकप्रिय हैं और उनके पास प्रसारण अधिकार हैं लेकिन इनकी नकल करना आसान नहीं है। यह अटकलें कि कुछ अहम खिलाड़ी बागी लीग में चले जाएंगे, गलत है। ऐसा होना संभव नहीं लगता है।
 
श्रीनिवासन भले ही बागी लीग को लेकर चिंतित न दिख रहे हों लेकिन आईसीसी अंदरूनी रूप से विश्व क्रिकेट को संभावित खतरे को देखकर कदम उठा रही है और श्रीनिवासन, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया  के प्रमुख वाली एडवर्ड्स और आईसीसी के वित्तीय एवं व्यावसायिक अध्यक्ष जाइल्स क्लार्क को लेकर इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी।
        
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर वार्नर ने भी बागी लीग को लेकर सतर्क किया था और अपने बयान में कहा था एक कंपनी है जो विश्व क्रिकेट पर कब्जा करना चाहती है। अंतत: यह कंपनी यदि आ गई तो क्रिकेट उसके नियंत्रण  में चला जाएगा।
        
इस बीच श्रीनिवासन ने क्रिकेट के मौजूदा वित्तीय माडल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पास अधिक अधिकार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा“ यह आलोचना गलत है कि बीसीसीआई, सीए और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के पास क्रिकेट से जुड़े सारे अधिकार है।  जहां तक बीसीसीआई का सवाल है हमारी वितरण प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी है। नई प्रणाली के तहत पूर्णकालिक सदस्यों को पहले की तुलना में अधिक हिस्सेदारी मिलेगी जबकि एसोसिएट और मान्यता प्राप्त संघों को भी फायदा होगा जबकि शीर्ष एसोसिएट देशों को टेस्ट खेलने का भी मौका मिलेगा।”  इसी के साथ श्रीनिवासन ने एक बार फिर आईसीसी के विश्वकप प्रारूप को लेकर दोहराया कि अगले आईसीसी विश्वकप में 10 टीमें ही हिस्सा लेंगी। (वार्ता)