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Last Updated : मंगलवार, 7 जून 2022 (19:30 IST)

केएल राहुल की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले खोजने होंगे इन 3 सवालों के जवाब

केएल राहुल की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले खोजने होंगे इन 3 सवालों के जवाब - KL Rahul needs to ponder upon these three questions
मुम्बई: आईपीएल के संग्राम के बाद अब भारत और भारतीय खिलाड़ियों की नज़र इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप पर जा टिकी है। इस टूर्नामेंट की तैयारियों की शुरुआत दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टी20 सीरीज़ से होगी। प्रमुख खिलाड़ियों को आराम दिए जाने के कारण यह बैकअप खिलाड़ियों के लिए अपना हाथ खड़ा करने और टीम के लिए अपनी दावेदारी पेश करने का बढ़िया मौक़ा है।

भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती दिनेश कार्तिक को एकादश में शामिल करने की है। इसके अलावा कई ऐसे सवाल है जिनके जबाव इस टीम को जल्द से जल्द खोजने होंगे।

मध्य क्रम में किसे मिलेगा स्थान?:

भारत के मध्य क्रम में इस समय केवल एक स्थान खाली है। हालांकि समस्या यह है कि स्थान है एक है और दावेदार अनेक।

सबसे पहले है श्रेयस अय्यर जो श्रीलंका के ख़िलाफ़ पिछली सीरीज़ में बल्ले से आग उगल रहे थे। आईपीएल में अच्छा करने वाले श्रेयस ने यह रन तीसरे नंबर पर खेलते हुए बनाए थे। हालांकि भारतीय टी20 टीम में वह स्थान विराट कोहली का है। वैसे तो श्रेयस चौथे नंबर पर भी खेलने की क्षमता रखते हैं बस शुरुआत में उन्हें अपना समय लेकर फिर आक्रामक होना पसंद है।

श्रेयस के बाद अगले दावेदार हैं दीपक हुड्डा जो आईपीएल में 136.66 के स्ट्राइक रेट से 451 रन बनाकर आ रहे हैं। वह आईपीएल में तीसरे से छठे स्थान के बीच आसानी से खेलते नज़र आए और साथ ही गेंद के साथ भी वह योगदान दे सकते हैं।

फिर आते हैं सूर्यकुमार यादव जो फ़िलहाल तो चोटिल हैं लेकिन पहली गेंद से मैदान के चारों तरफ़ शॉट लगाने में माहिर हैं। संजू सैमसन और राहुल त्रिपाठी भी टीम का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं और ऐसे में श्रेयस और हुड्डा के पास अपने स्थान को मज़बूत करने का अच्छा अवसर है।

दूसरा स्पिनर कौन?

आईपीएल में 27 विकेट लेकर युज़वेंद्र चहल ने सभी को याद दिलाया कि वह भारत के नंबर एक टी20 स्पिनर है। टीम में दूसरे स्पिनर का स्थान अब भी खाली है और एक साल पहले तक रवींद्र जडेजा आंख बंद करते हुए इस टीम में चले आते। हालांकि चोट और ख़राब फ़ॉर्म से जूझने के बाद उनके स्थान पर सवालिया निशान बने हुए हैं।

अक्षर पटेल के रूप में भारत के पास जडेजा का बढ़िया विकल्प मौजूद है जो चार ओवर डालने के साथ-साथ मध्य क्रम में महत्वपूर्ण रन बनाते हैं। एक समस्या यह है कि जडेजा की तरह अक्षर भी विकेट लेने वाले नहीं बल्कि रन रोकने वाले स्पिनर हैं।

यहां पर कुलदीप यादव का नाम उभरकर आता है जो एक आक्रामक स्पिनर हैं और विकेट लेने की मंशा रखते हैं। उन्हें हालिया समय में अपनी पुरानी लय मिल गई है और चहल के साथ एक बार फिर 'कुल-चा' की जोड़ी बना सकते हैं। रवि बिश्नोई एक और दावेदार है जो अपनी सटीक गुगली गेंद के साथ घातक साबित हो सकते हैं। वेस्टइंडीज़ सीरीज़ में डेब्यू करने के बावजूद उन्हें अभी अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी काम करना होगा।

बैक-अप ओपनर के स्थान के लिए इशान किशन को ऋतुराज गायकवाड़ का सामना करना होगा:

भारत को अब भी रोहित शर्मा और केएल राहुल के बैक-अप ओपनर की तलाश है। 2021 टी20 विश्व कप के लिए इशान किशन को चुना गया था क्योंकि वह मध्य क्रम में खेलने के साथ-साथ बैक-अप विकेटकीपर की भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि उनका हालिया फ़ॉर्म इतना खास नहीं रहा है। आईपीएल में उन्होंने 400 से अधिक रन तो बनाए लेकिन 120 के स्ट्राइक रेट से। साथ ही अगर कार्तिक भारतीय टीम का हिस्सा बनते हैं तो टीम को तीसरे बैक-अप कीपर की आवश्यकता ही नहीं होगी।

बतौर सलामी बल्लेबाज़, किशन का सामना होगा ऋतुराज गायकवाड़ से। आईपीएल में गायकवाड़ निरंतरता के साथ नहीं खेल पाए लेकिन कुछ मौक़ों पर उन्होंने अपनी प्रतिभा दर्शाई। साउथ अफ़्रीका सीरीज़ में इन दोनों के पास अपनी छाप छोड़ने का मौक़ा होगा।

तेज़ गेंदबाज़ों की दौड़ में कौन अव्वल आएगा?

जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने के बाद कई तेज़ गेंदबाज़ों को इस सीरीज़ में खेलने का अवसर मिलेगा।

अपने अच्छे दिन पर भुवनेश्वर कुमार विश्व के नंबर एक गेंदबाज़ नज़र आते हैं। उनका आईपीएल अच्छा रहा और भारत को उनसे निरंतरता और कारगर गेंदबाज़ी की उम्मीद होगी। मोहम्मद शमी और दीपक चाहर की अनुपस्थिति में उनके पास टीम का प्रमुख गेंदबाज़ बनने का मौक़ा है।

नए गेंदबाज़ों में अर्शदीप सिंह और उमरान मलिक है जिन्होंने आईपीएल में सभी को प्रभावित किया था। अपनी घातक गति के साथ उमरान सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए मध्य ओवरों में विपक्षी बल्लेबाज़ों में डर पैदा कर रहे थे। उन्होंने 14 मैचों में 22 शिकार किए।

फिर आते हैं अर्शदीप जिन्होंने अपने सटीक यॉर्कर से डेथ ओवरों में बल्लेबाज़ों को ख़ामोश रखा। भले ही उन्हें केवल 10 विकेट मिले, डेथ ओवरों में उनकी इकॉनमी बुमराह के बाद सर्वश्रेष्ठ थी। अर्शदीप और उमरान के पास आईपीएल के अपने प्रदर्शन को बरक़रार रखने का अच्छा मौक़ा है।

इन सबके बीच आवेश ख़ान को कैसे नज़रअंदाज़ किया जा सकता है? काफ़ी समय से टीम के साथ होने के बावजूद उन्हें इस साल की शुरुआत में अपना डेब्यू करने का मौक़ा मिला। उमरान और अर्शदीप की तुलना में आवेश पारी की किसी भी स्थिति में गेंदबाज़ी कर सकते हैं। देखा जाए तो भारत के पास प्रतिभाशाली गेंदबाज़ों की फौज तैयार है।(वार्ता)
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