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Last Updated : रविवार, 18 जुलाई 2021 (23:43 IST)

कई रात कुरकुरे और चिप्स खाकर गुजारते थे ईशान किशन, करियर बनाने के लिए 12 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर

कई रात कुरकुरे और चिप्स खाकर गुजारते थे ईशान किशन, करियर बनाने के लिए 12 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर - Inspiring story of odi debutant ishan kishan
कहते हैं यदि हौसला और जज्बा हो तो एक चीटी भी हाथी को मार सकती है, तो आखिर संघर्ष किसी खिलाड़ी को आगे बढ़ने से कैसे रोक सकता है... आज हम यहां बात कर रहे हैं श्रीलंका में एकदिवसीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले ईशान किशन की। जिन्होंने पहले टी20 आई डेब्यू में अर्धशतक लगाया था और अब वनडे डेब्यू में भी अर्धशतक लगाकर अपनी काबिलियत साबित की।

आज जो दौलत, शौहरत, नाम और करियर ईशान के पास है, उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और ऐसी रातें हैं, जिनमें उन्हें भूखा पेट तक सोना पड़ा। किशन का जन्म 18 जुलाई 1998 में हुआ था और आज वह 23 वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, वह राहुल द्रविड़ की कोचिंग वाली अंडर-19 टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए ईशान किशन ने 12 साल को उम्र में घर छोड़ना पड़ा था। उनके पिता ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि खिलाड़ी की जिद के चलते उन्हें रांची भेजने का फैसला किया था।

उनके पिता ने कहा था, ‘‘ईशान तब छोटा था। उसके कोच और अन्य लोगों ने कहा कि अगर उसे बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलना है तो रांची शिफ्ट होना पड़ेगा। उसकी मां परेशान थी, लेकिन काफी विचार-विमर्श के बाद हमने उसे पड़ोसी राज्य में भेजने का फैसला किया। मन में डर था, लेकिन इशान रांची जाने की जिद पर अड़ा था।’’



ईशान पटना के रहने वाले थे, उनका चयन रांची में जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में सेल (SAIL यानी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की टीम में हुआ था। सेल ने उसे एक कमरे का क्वार्टर दिया था। उसमें ईशान के साथ एक कमरे में चार अन्य सीनियर्स क्रिकेटर्स भी रहते थे। ईशान छोटा था और खाना भी नहीं आता था, जिसके कारण उन्हें कई रातें बिना खाना खाए ही बितानी पड़ी।

किशन के पिता ने कहा, ‘’दरअसल, उसके सीनियर्स रात में क्रिकेट खेलने चले जाते थे। इस कारण कई बार वह रात में बिना खाना खाए ही सो जाता था। हालांकि, उसने हमें कभी यह बात नहीं बताई। दो साल तक ऐसा ही चलता रहा। वह कभी चिप्स तो कभी कुरकुरे और कोका-कोला पीकर सो जाता था। हम जब उसे फोन करते तो वह झूठ बोल देता कि रात में खाना खाया है। जब हमें दोबारा उसके रात में खाली पेट सोने की बात पता चली तो हमने रांची में एक फ्लैट किराए पर लेने का फैसला किया।’’

ईशान किशन ने बचपन में जितना भी संघर्ष किया, उसका परिणाम उन्हें मिल रहा है और वह मिलने वाले हर मौके को अच्छी तरह भुनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। 2018 से मुंबई इंडियंस के लिए खेलने वाले ईशान आज भारतीय टीम की भी शान बन चुके हैं। पहले उन्होंने टी20आई क्रिकेट में डेब्यू पारी में अर्धशतक लगाया और अब अपने जन्मदिन पर उन्होंने वनडे डेब्यू इनिंग में भी अर्धशतक जड़ दिया है।
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