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Last Updated : शनिवार, 3 फ़रवरी 2018 (15:24 IST)

अंडर-19 विश्व कप विजेता बना भारत, यह हैं 5 प्रमुख कारण

अंडर-19 विश्व कप विजेता बना भारत, यह हैं 5 प्रमुख कारण - India wins Under 19 world cup five reasons
भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड में चल रहा अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप अपने नाम कर लिया है। न्यूजीलैंड के उत्तरी द्वीप में बसे माउंट मानगनुई के बे ओवल क्रिकेट मैदान में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय युवाओं ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 8 विकेट से करारी शिकस्त देते हुए चौथी बार यह खिताब अपने नाम किया है।
 
 
फाइनल मुकाबले में भारतीय युवा गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद बल्लेबाजों ने बिना कोई गलती किए खिताब अपनी झोली में कर लिया। इस मुकाबले में सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा की शानदार पारी आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। कालरा ने 102 गेंदों में नाबाद 101 रनों की पारी खेलते हुए टीम की जीत निश्चित की।
 
भारतीय टीम इस श्रृंखला में शुरुआती मुकाबलों से ही अपना दबदबा बनाते हुए अजेय रही है। विश्व कप का यह खिताब टीम के प्रशिक्षक राहुल द्रविड़ के लिए भी बेहद खास है। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज द्रविड़ इससे पहले कभी विश्व विजेता टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं। द्रविड़ ने यह सपना अपने मार्गदर्शन में युवा खिलाड़ियों के जरिए पूरा किया है।
 
विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर एक नजर डालें तो पाएंगे कि टीम ने अपने सभी मुकाबले एकतरफा अंदाज में जीते हैं। भारतीय युवा टीम को मिली इस अविस्मरणीय सफलता का विश्लेषण करने पर जीत की प्रमुख वजहों को समझा जा सकता है। आइए जानते हैं भारत के विश्व विजेता बनने की प्रमुख वजहें-
 
राहुल द्रविड़ : इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं है कि द्रविड़ खिलाड़ियों को तराशना बखूबी जानते हैं। द्रविड़ ने जिस तरह से युवा टीम का मार्गदर्शन किया है, उससे टीम की जीत में द्रविड़ को श्रेय दिया जाना लाजमी है। राहुल द्रविड़ की गैरमौजूदगी में इस जीत की कल्पना कर पाना शायद मुमकिन नहीं होता।
 
तेज गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन : विदेशी सरजमीं पर भारत के तेज गेंदबाजों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मौजूदा टीम इस मामले में काफी बेहतर नजर आई। टीम के तेज गेंदबाजों ने विदेशी मैदान में अपने प्रदर्शन से प्रतिद्वंद्वियों को खासा परेशानी में रखा।
 
शानदार कप्तानी : टीम की सफलता में कप्तानी का अहम योगदान होता है। अंडर-19 टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन काफी निखरकर सामने आया। शॉ की कप्तानी में प्रशिक्षण राहुल द्रविड़ का प्रभाव भी साफ नजर आता है। कोच व कप्तान ने खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन को मुकाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
 
फिरकी का जाल : भारतीय टीम हमेशा से ही अपने फिरकी गेंदबाजों के बल पर विजयी प्रदर्शन करती आई है। इस प्रथा को जारी रखते हुए इस बार भी स्पिन गेंदबाजों ने मुश्किल हालातों में टीम को बखूबी सहारा दिया। फाइनल मुकाबले में भी जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हावी होते नजर आ रहे थे, फिरकीबाज अनुकूल रॉय और शिवा सिंह ने महत्वपूर्ण विकेट चटकाते हुए मुकाबला भारत के पक्ष में मोड़ दिया।
 
मुश्किल प्रशिक्षण : अंडर-19 टीम के प्रशिक्षक राहुल द्रविड़ को बेहद अनुशासित खिलाड़ी और प्रशिक्षक माना जाता है। द्रविड़ ने अनुशासन का यह पाठ युवा पीढ़ी के खिलाड़ियों को बेहद अच्छे से पढ़ाया है। मैदान में कठिन ट्रेनिंग के अलावा भारतीय युवा मानसिक तौर पर भी बेहद मजबूत नजर आए। आमतौर पर युवा टीम बड़े टूर्नामेंट व विदेशी हालातों के दबाव में बिखर जाती है, लेकिन द्रविड़ की तैयार की गई यह टीम मैदान में काफी दृढ़ता के साथ खेलती नजर आई।
 
देश में आईपीएल के चकाचौंधभरे माहौल में टीम के युवा खिलाड़ियों को भटकाव से बचाना भी द्रविड़ का मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ जिससे ही खिलाड़ी अपना पूरा ध्यान विश्व कप की ओर केंद्रित कर सके। इसे एक अच्छे व कठिन प्रशिक्षण का नतीजा कहा जा सकता है।
चित्र सौजन्य : सोशल मीडिया