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Last Modified: शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018 (20:54 IST)

दक्षिण अफ्रीका के लिए 'करो या मरो' का मुकाबला

दक्षिण अफ्रीका के लिए 'करो या मरो' का मुकाबला - India South Africa ODI series, Johansson, Chris Morris
जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी क्रिस मौरिस ने आज यह माना कि उनकी पूरी टीम काफी दबाव में है और चौथे वनडे में उनके लिए 'करो या मरो' की स्थिति है क्योंकि भारतीय टीम कल श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने उतरेगी।


श्रृंखला में 3- 0 की बढ़त बनाने के बाद भारत को अब दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर पहली वनडे श्रृंखला जीतने के लिए सिर्फ एक और जीत की जरूरत है। भारतीय टीम अगर इस मैच में जीत दर्ज कर श्रृंखला अपने नाम करती है तो 2013 के बाद पहली बार कोई मेहमान टीम ऐसा कारनामा करेगी।

मौरिस ने कल होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘हमारे लिए यह 'करो या मरो' की स्थिति है, ये नैसर्गिक दबाव है। अगर कल हारे तो श्रृंखला गंवा बैठेंगे।’उन्होंने कहा, ‘हम हर गेंद पर मुकाबला करेंगे, हर रन के लिए भी। इसलिए काफी दवाब होगा लेकिन बिना दबाव का कैसा क्रिकेट? बहुत उबाऊ।’

उन्होंने ने कहा, ‘हर खिलाड़ी कल शानदार प्रदर्शन करने के लिए बेताब है ताकि हम दिखा सकें कि वास्तव में इस खेल को खेल सकते हैं। चोट के कारण पहले तीन मैच से दूर रहे स्टार बल्लेबाज एबी डीविलियर्स की वापसी से दक्षिण अफ्रीका का हौसला बढ़ेगा।

उन्होंने आज नेट अभ्यास किया और निश्चित तौर पर कल के मैच में खेलेंगे, जिससे डेविड मिलर या खाया जोंडो में से किसी एक को टीम से बाहर होना पड़ सकता है। मौरिस ने कहा, ‘टीम में डिविलियर्स का होना अच्छा है। जहां तक मुझे पता है वह कल का मैच खेलेंगे। उनके पास हर परिस्थिति का जवाब है चाहे वह स्पिन हो, तेज गेंदबाजी या फिर वह विकेट के पीछे खड़े हों।

मौरिस ने कहा, टीम में चाहे उनकी जो भी भूमिका हो, यह हमेशा फायदेमंद है। वह दूसरे खिलाड़ियों को स्पिन का सामना करने के बारे में भी बताएंगे। उनके जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी का टीम में होना शानदार है। मौजूदा श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका के लिए कलाई के स्पिनर युजवेन्द्र चहल और कुलदीप यादव सबसे बड़ी चुनौती बन कर उभरे हैं, जिन्होंने 30 में से 21 विकेट झटके हैं।

मौरिस ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो हमने कोई नई योजना नहीं बनाई है। हम वीडियो की मदद ले रहे है, बहुत सारे खिलाड़ी उनका हाथ देख रहे हैं, बॉल देख रहे हैं और मुझे लगता है कि शायद इससे हमारे तरीके में बदलाव आए।’ (भाषा) 
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