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Last Modified: रविवार, 22 नवंबर 2015 (15:13 IST)

कोटला टेस्ट की टेंडर प्रक्रिया पर रहेगी कड़ी नजर

कोटला टेस्ट की टेंडर प्रक्रिया पर रहेगी कड़ी नजर - Feroz Shah Kotla
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक पूर्व न्यायाधीश मुकुल मुद्गल ने शनिवार को बताया कि पूर्व उपनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अगले महीने शुरू होने वाले कोटला टेस्ट के लिए विभिन्न सुविधाओं की निविदा प्रक्रिया की कड़ी निगरानी करेंगे।
न्यायाधीश मुद्गल ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद यहां पत्रकारों से कहा कि 'फ्रीडम सीरीज' के चौथे एवं अंतिम टेस्ट के लिए जो भी निविदा जारी की जाएगी उसकी स्वतंत्र जांच पूर्व उप महालेखा परीक्षक करेंगे। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए निविदाओं के सभी दस्तावेंजों की वे जांच करेंगे।
 
हालांकि न्यायाधीश मुद्गल ने अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए निविदा जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसमें स्टैंड के अधिकारी, ट्रांसपोर्ट, कैटरिंग, सुरक्षा, बैगों के स्कैनर, सफाई, वॉकी-टॉकी और टेंट आदि शामिल हैं।
 
डीडीसीए की कार्यकारी समिति के साथ हुई इस बैठक में संघ के अध्यक्ष स्नेह प्रकाश बंसल भी मौजूद थे। हालांकि बंसल इस दौरान पीछे ही बैठे रहे और उन्होंने बैठक के बाद किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की। जस्टिस मुद्गल ने ज्यादातर चर्चा डीडीसीए के उपाध्यक्ष एवं कार्यकारी समिति के सदस्य चेतन चौहान और कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा के साथ ही की। 
 
जस्टिस मुद्गल ने कहा कि हमने एक प्रस्ताव भेजा है जिस पर उच्च न्यायालय की स्वीकृति की जरूरत होगी। प्रस्ताव में साफतौर पर कहा गया है कि ग्राउंड लेवल पर दो स्टैंड (वेलिंगटन पैवेलियन के दाईं ओर) आर्थिक रूप से कमजोर स्कूली बच्चों के लिए छोड़े जाएंगे और उन्हें फ्री टिकट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह उच्च न्यायालय की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। (वार्ता)