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Last Updated : बुधवार, 1 अप्रैल 2020 (19:12 IST)

98 मैच खेलने के बाद भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर सके रोहित और बुमराह

98 मैच खेलने के बाद भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर सके रोहित और बुमराह - Despite playing 98 matches, Rohit and Bumrah could never bat together
नई दिल्ली। भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 98 मैचों में साथ में खेले हैं लेकिन इन दोनों ने कभी एक साथ बल्लेबाजी नहीं की लेकिन इस मामले में सनथ जयसूर्या और मुथैया मुरलीधरन के 408 मैचों के विश्व रिकॉर्ड से वे अभी काफी पीछे हैं। 
 
कोरोना वायरस संकट के कारण अभी अंतरराष्ट्रीय खेल गतिविधियां ठप्प पड़ हुई है और इससे उबरने के बाद जब क्रिकेट शुरू होगी तो रोहित - बुमराह भी उन जोड़ियों में शामिल हो सकते हैं जिन्होंने 100 से अधिक मैच खेलने पर भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं की।
 
रोहित और बुमराह अब तक 4 टेस्ट, 55 वनडे और 39 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में एक साथ खेले हैं। रोहित 2013 से नियमित तौर पर सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा रहे हैं जबकि बुमराह ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला।

उन्होंने अभी तक 128 अंतरराष्ट्रीय मैचों में केवल 42 पारियों में बल्लेबाजी की जिनमें से 34 पारियों में वह 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। जिन 98 मैचों में रोहित और बुमराह साथ में खेले हैं उनकी 101 पारियों में इस तेज गेंदबाज ने केवल 23 पारियों में बल्लेबाजी की। दिलचस्प बात यह है कि इन 23 पारियों में से अधिकतर में रोहित का बल्ला कुंद पड़ा रहा। 
लंबी पारियां खेलने में माहिर रोहित इन पारियों में वह केवल एक शतक और दो अर्धशतक ही लगा पाए। इस बीच 18 पारियों में तो वह 15 रन से आगे भी नहीं बढ़ पाए थे। रोहित ने इसके साथ युजवेंद्र चहल के साथ भी अब तक 80 अंतरराष्ट्रीय मैच (47 वनडे और 33 टी20 अंतरराष्ट्रीय) खेले हैं लेकिन इन दोनों ने भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं की है।

भारतीय कप्तान विराट कोहली और चहल भी अब तक साथ में खेले गए 64 मैचों में (39 वनडे और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय) में साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाए हैं। 
 
वैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक मैच साथ में खेलने के बावजूद कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं करने का रिकॉर्ड श्रीलंका के जयसूर्या और मुरलीधरन के नाम पर है। ये दोनों कुल 408 मैच (90 टेस्ट, 307 एकदिवसीय और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय) साथ में खेले लेकिन संयोग ऐसा बना कि वे कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाए।

जयसूर्या ने करियर की शुरुआत मध्य निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में की लेकिन बाद में वह सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गए। दूसरी तरफ मुरलीधरन हमेशा निचले क्रम के बल्लेबाज रहे। वह अपने करियर में अधिकतर 10वें या 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। 
 
पांच पारियों में वह 8वें और 45 पारियों में 9वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। इन 408 मैचों में से 267 पारियों में मुरलीधरन ने बल्लेबाजी की थी। संयोग से इन सभी पारियों में जयसूर्या पहले ही आउट हो गए और इसलिए उनके एक छोर पर रहते हुए मुरलीधरन कभी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर पाए।

कुछ ऐसे अवसर जरूर आए जबकि जयसूर्या के क्रीज पर रहते हुए मुरलीधरन को बल्लेबाजी का मौका मिल सकता था। मसलन जब मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की तो जयसूर्या तब 6ठे या 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे। लेकिन संयोग ऐसा बना कि या तो तब 11वें नंबर के बल्लेबाज मुरलीधरन की बल्लेबाजी की नौबत नहीं आई या फिर जयसूर्या जल्दी आउट हो गए। 
 
जयसूर्या की बात करें तो उन्होंने मुरलीधरन के टीम में रहते हुए कुल 468 पारियां खेली, 15964 रन बनाए, जिसमें 32 शतक और 87 अर्द्धशतक शामिल हैं लेकिन वह कभी दुनिया के दिग्गज ऑफ स्पिनर के साथ जोड़ी नहीं बना पाए।जयसूर्या ने मुरलीधरधन की मौजूदगी वाले मैचों में 39 जोड़ीदारों के साथ साझेदारियां निभाई।

उन्होंने ऐसे मैचों में सर्वाधिक 219 बार मर्वन अटापट्टू और 101 बार रोमेश कालूवितर्णा के साथ जोड़ी बनाई। दिलचस्प बात यह है कि मुरलीधरन ने कालूवितर्णा के साथ चार और अटापट्टू के साथ दो पारियों में साथ में बल्लेबाजी की थी। (भाषा)
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