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Last Updated : शुक्रवार, 21 जून 2019 (20:18 IST)

कमेंटरी कर रहे पूर्व स्टार क्रिकेटरों का भी हो सकता है हितों का टकराव

कमेंटरी कर रहे पूर्व स्टार क्रिकेटरों का भी हो सकता है हितों का टकराव - bcci, Sourav Ganguly, VVS Laxman
नई दिल्ली। बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी और उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज डीके जैन ने शुक्रवार को कहा कि टूर्नामेंट के दौरान कमेंटरी कर रहे पूर्व और सक्रिय खिलाड़ी भी 'हितों के टकराव' के अंतर्गत आ सकते हैं, क्योंकि लोढ़ा सिफारिशों में सबसे अहम चीज 'एक व्यक्ति एक पद' है।
 
सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण पर फैसला देने के बाद जैन ने कहा कि 2 मशहूर क्रिकेटर केवल एक ही पद चुन सकते हैं।
 
जैन ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के मामले में हितों के टकराव का मामला नहीं बनता था, क्योंकि वे क्रिकेट सलाहकार समिति से हट गए थे। इन दोनों मामलों (गांगुली और लक्ष्मण) में मैंने उन्हें विकल्प दिए थे, वे फैसला कर सकते हैं। मैंने सिर्फ इतना कहा कि वे अपनी पसंद से एक पद पर रह सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि इस पर फैसला उन्हें करना है कि वे क्रिकेट खेल की सेवा किस तरह से कर सकते हैं? मैंने केवल भविष्य के मार्गदर्शन के लिए लोढ़ा सुधारों की व्याख्या की है, मैंने कुछ भी असाधारण नहीं किया है।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों में सबसे अहम एक व्यक्ति एक पद है, मैंने सिर्फ लिखित में इसे लाने की कोशिश की है। अब इसे लागू करना बीसीसीआई का काम है।
 
कई पूर्व और सक्रिय क्रिकेट भी हितों के टकराव के अंतर्गत आ सकते हैं। तेंदुलकर भी विश्व कप में कमेंटरी कर रहे हैं और उनके खिलाफ दायर शिकायत में मुंबई इंडियंस के आइकन और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य की 2 भूमिकाएं थीं। जैन ने रॉबिन उथप्पा और इरफान पठान जैसे सक्रिय खिलाड़ियों के मुद्दे पर भी बात की, जो मौजूदा विश्व कप में कमेंटरी कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि इस आदेश के आधार पर सक्रिय खिलाड़ियों के खिलाफ भी शिकायतें आ सकती हैं। उन्हें अब अपने दिमाग से काम लेना होगा और इस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। मैं किसी को कमेंट्री करने से नहीं रोक रहा हूं। मैंने केवल यह फैसला किया है कि बीसीसीआई संविधान के तहत हितों का टकराव क्या है?
 
जैन ने कहा कि यह खिलाड़ियों को तय करना है कि यह उन पर लागू होता है या नहीं? मैंने पहली बार इस नियम का अध्ययन किया और उसके आधार पर अपना फैसला दिया। मुझे नहीं पता कि बोर्ड इसे स्वीकार करेगा या नहीं है। अगर कोई इसे चुनौती देना चाहता है तो वह दे सकता है। 
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