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साल 2011 और भारतीय क्रिकेट टीम
-शराफत खान
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। यह साल विश्व कप का साल था और इस बार भारतीय उपमहाद्वीप में आयोजित विश्व कप मेजबान देश भारत ने ही जीता। विश्व कप के इतिहास में यह दूसरा मौका था, जब किसी मेजबान देश ने खिताब जीता। इससे पहले श्रीलंका ने 1996 में भारतीय उपमहाद्वीप में आयोजित विश्व कप जीतकर यह मिथक तोड़ा था कि मेजबान देश विश्व कप नहीं जीत सकते। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए विश्व कप जीतना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया ने बेहतरीन खेल दिखाया था और विश्व की श्रेष्ठ टीमों के खिलाफ जीत दर्ज की। माना यह भी जा रहा था कि क्रिकेट जगत में जिस खिलाड़ी के नाम सबसे ज्यादा रिकॉर्ड हैं, उसका यह संभवत: अंतिम विश्व कप है, लिहाजा टीम को उस लीजेंड के लिए विश्व कप जीतना होगा। यहां बात सचिन तेंडुलकर की हो रही है। विश्व कप में मैन ऑफ द सिरीज बनने के बाद युवराज सिंह ने कहा भी था कि हमने यह खिताब सचिन के लिए जीता है। 2011 में न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी क्रिकेट बिरादरी के लिए भारत का विश्व कप जीतना सबसे अहम घटना है।
2011
में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड भारतीय टीम साल की शुरुआत में टेस्ट में नंबर वन टेस्ट टीम रही। आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भारत को पहला स्थान हासिल था, लेकिन क्रिकट जगत में यह कहा जा रहा था कि जब तक टीम इंडिया इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया को उनके घरेलू मैदानों में न हरा दे तब तक वह नंबर वन कैसे हो सकती है।
भारत ने साल 2011 में कुल चार टेस्ट सिरीज खेलीं। दो वेस्टइंडीज के खिलाफ और एक-एक सिरीज दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ उन्हीं के देश में। इन चार सिरीज में से वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों टेस्ट सिरीज में भारत को जीत मिली। जून में वेस्टइंडीज के घरेलू मैदानों पर उसे भारत ने 1-0 से हराया, जबकि नवंबर में भारत ने उसे घरेल सिरीज में 2-0 से हराया। 2011 की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सिरीज 1-1 से बराबर रही, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ उसी की सरजमीं पर भारत को 0-4 के भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा। याने कुल चार सिरीज में भारत ने दो जीती, एक गंवाई और एक सिरीज बराबर रही। नंबर एक टीम का खिताब इंग्लैंड ने छीना- इंग्लैंड दौरे से पहले भारत की टेस्ट रैकिंग एक और इंग्लैंड की दो थी। दोनों टीमों के बीच मुकाबले से यह तय होना था कि कौन सी टीम नंबर एक पोजिशन की हकदार है। यह बाजी इंग्लैंड ने मारी और भारत का 4-0 से सिरीज में सफाया कर दिया।आंकड़ों में देखें तो भारत ने इस साल कुल 13 टेस्ट खेले, जिसमें से चार में उसे जीत मिली और पांच में हार और शेष चार ड्रॉ रहे। भारत ने तीन टेस्ट वेस्टइंडीज से और एक दक्षिण अफ्रीका से जीता, जबकि इंग्लैंड से उसे चार टेस्ट और दक्षिण अफ्रीका से एक टेस्ट में हार मिली।
2011
में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ियों की व्यक्तिगत उपलब्धियां : इस साल सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट में व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल कीं। पेश हैं उनका ब्योरा।
सचिन के पंद्रह हजार रन-
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने 8 नवंबर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 15 हजार रन बनाने का गौरव हासिल किया। सचिन दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज बन हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पंद्रह हजार रन पूरे किए। सचिन ने यह उपलब्धि अपने करियर के 182वें टेस्ट में खेलते हुए हासिल की। राहुल द्रविड़ के तेरह हजार रन
मिस्टर रिलायबल राहुल द्रविड़ ने इस सा टेस्ट क्रिकेट में अपने 13 हजार रन पूरे किए। सचिन तेंडुलकर के बाद द्रविड़ ही दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट में 13 हजार या उससे ज्याद रन बनाए हैं। द्रविड़ ने यह रिकॉर्ड अपने 160वें टेस्ट में बनाया। मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में द्रविड़ ने 24 नवंबर 2011 को यह उपलब्धि हासिल की।
वीवीएस लक्ष्मण के आठ हजार रन
वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण ने इस साल अपने टेस्ट करियर में अपना आठ हजार रन पूरे किए। लक्ष्मण यह उपलब्धि हासिल करने वाले विश्व के 22वें और भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। अपने 122वें टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 28 जून 2011 को केनसिंग्टन ओवल मैदान पर मैच की पहली पारी में 85 रन बनाने के साथ ही लक्ष्मण ने यह उपलब्धि हासिल कर ली।
हरभजन सिंह 400 विकेट
जुलाई माह में भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर हरभजन सिंह ने अपने टेस्ट करियर के 400 विकेट पूरे किए। हरभजन सिंह ने अपने 96वें टेस्ट में 400 विकेट पूरे किए. करीब 32 के औसत और 3 के इकॉनमी रेट के साथ उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया। उन्होंने एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल 25 बार किया है। वे एक मैच में पांच बार 10 विकेट ले चुके हैं। टेस्ट मैचों में 400 विकेट लेने वाले हरभजन सिंह तीसरे भारतीय गेंदबाज हैं। उनसे पहले अनिल कुंबले और कपिल देव 400 विकेट ले चुके हैं।
धोनी के तीन हजार रन और सौ शिकार
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जुलाई माह में वेस्ट इंडीज के खिलाफ उसी के मैदान पर अपने टेस्ट करियर के तीन हजार रन पूरे किए। इसके साथ ही धोनी यह मुकाम हासिल करने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बन गए।
धोनी ने यह मुकाम 57वें टेस्ट में हासिल किया। इसके पहले सैय्यद किरमानी के नाम 88 टेस्टों में 2759 रनों का रिकॉर्ड था। धोनी ने ने विकेटकीपर कप्तान के रूप में अपने 100 शिकार इसी मैच में पूरे किए। मैच के दूसरे दिन शिवनारायण चंद्रपाल का कैच लपकने के साथ ही धोनी टेस्ट मैचों में 100 शिकार लपकने वाले पहले विकेटकीपर कप्तान बन गए।
टेस्ट में पदार्पण
2011
में भारतीय टीम के विराट कोहली, आर अश्विन, अभिनव मुकुंद, प्रवीण कुमार, उमेश यादव, वरुण आरोन जैसे खिलाड़ियों अपना टेस्ट करियर शुरू किया। आर अश्विन ने दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ 6 नवंबर को अपना टेस्ट करियर शुरू किया और वे अपने पदार्पण टेस्ट में ही मैन ऑफ द मैच चुने गए। अपने पहले टेस्ट में ही मैन ऑफ द मैच पाने वाले अश्विन सिर्फ तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले आर पी सिंह और प्रवीण आमरे यह कारनामा कर चुके हैं। आर अश्विन इस सिरीज में मैन ऑफ द सिरीज चुने गए।
साल 2011 में वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रदर्शन
2011
में वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम ने विश्व खिताब जीत कर सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि हासिल की। 1983 के बाद भारत एक बार फिर विश्व विजेता बना। विश्व कप के अलावा भारत ने इस साल कुल पांच वनडे सिरीज में हिस्सा लिया। भारत ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ दो-दो और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसी की सरमजीं पर एक वनडे सिरीज खेली। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ एक-एक सिरीज घरेलू मैदानों पर और एक-एक सिरीज विरोधी टीमों की सरमजमीं पर खेली गई।
इनमें से भारत को इंग्लैंड के हाथों उसी की सरजमीं पर 0-3 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि इसी टीम को भारत ने घरेलू सिरीज में 5-0 से शिकस्त दी। वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों वनडे सिरीज में भारत को जीत मिली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी 2011 में खेली गई वनडे सिरीज में भारत को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। विश्व कप के अलावा 2011 में भारत ने कुल 25 मैच खेले, जिनमें से 14 जीते, नौ हारे और दो मैचों का कोई परिणाम नहीं निकल सका।विश्व कप में भारत ने कुल नौ मैच खेले, जिसमें से सात में उसे जीत मिली और एक में उसे हार का सामना करना पड़ा, जबकि एक वनडे टाई रहा। विश्व कप 2011 में भारत ने बांग्लादेश, नीदरलैंड, आयरलैंड, वेस्टइंडीज को लीग राउंड में हराया, जबकि क्वार्टर फाइननल में उसने ऑस्ट्रेलिया को, सेमीफाइनल में पाकिस्तान को और फाइनल में श्रीलंका को हराया। लीग राउंड में भारत को दक्षिण अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ा, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ मैच टाई रहा। इस तरह अगर सम्मिलित रूप से देखा जाए तो 2011 में भारत ने कुल 34 मैच खेले, जिसमें से 21 जीते, 10 हारे और दो मैचों का कोई परिणाम नहीं निकल सका, जबकि एक मैच टाई रहा।
साल 2011 में भारतीय खिलाड़ियों का वनडे में व्यक्तिगत प्रदर्शन
युवराज सिंह
भारत ने इस साल विश्व कप जीता जिसमें कई खिलाड़ियों ने बेहतरीन योगदान दिया। युवराज सिंह का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। युवी हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द सिरीज के हकदार बने।