Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 13 सितम्बर 2010 (17:48 IST)
जब सचिन ने गँवाया स्वर्ण पदक
स्टार बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर को अपने 20 साल के लंबे करियर में एक बार राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीतने का मौका भी मिला था, लेकिन आज से 12 साल पहले कुआलालम्पुर में उन्होंने ही नहीं वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह सरीखे अन्य दिग्गज भारतीय क्रिकेटरों ने भी यह सुनहरा अवसर गँवा दिया था।
क्रिकेट केवल एक बार 1998 में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बना था और तब भारत ने उसमें अधिकतर युवा और नए खिलाड़ियों को शामिल किया था। तब भारतीय टीम में केवल कप्तान अजय जडेजा, तेंडुलकर और अनिल कुंबले ही अनुभवी खिलाड़ी थे जबकि लक्ष्मण और हरभजन सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नए थे। तेंडुलकर तब तीन मैच में केवल 28 रन जबकि लक्ष्मण दस रन ही बना पाए थे।
भारत को ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और एंटीगा व बारबुडा के साथ ग्रुप-बी में रखा गया था, लेकिन तेंडुलकर सहित सभी स्टार खिलाड़ियों के लचर प्रदर्शन से टीम तीसरे नंबर पर रहकर सेमीफाइनल में भी नहीं पहुँच पाई थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को 146 रन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करते हुए पाँच विकेट पर 84 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था, लेकिन कप्तान स्टीव वॉ (नाबाद 100) और टाम मूडी (नाबाद 78) ने टीम को मजबूत स्कोर तक पहुँचाया। भारतीय टीम 37.2 ओवर में 109 रन पर ढेर हो गई। तेंडुलकर ने 11 और लक्ष्मण ने चार रन जबकि जडेजा ने सर्वाधिक 27 रन बनाए थे। (भाषा)