गाले टेस्ट के बाद संन्यास लेंगे मुरलीधरन
दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज और श्रीलंकाई क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अहम योगदान देने वाले ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे 18 बरस के उनके चमकदार करियर का अंत हो गया।गाले में भारत के खिलाफ 18 जुलाई को शुरू हो रहा पहला टेस्ट 38 वर्षीय मुरलीधरन का अंतिम टेस्ट होगा। अँगुलियों के इस जादूगर ने अब तक 132 टेस्ट में 792 जबकि 337 एकदिवसीय मैचों में 515 विकेट चटकाए हैं।मुरली हालाँकि तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट के बाद नहीं खेलेंगे लेकिन उन्होंने 2011 में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में खेलने का विकल्प खुला रखा है जिसकी मेजबानी श्रीलंका, भारत और बांग्लादेश को करनी है।श्रीलंका क्रिकेट ने बयान में कहा कि दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज और चैम्पियन स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भारत के खिलाफ गाले में पहले टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। बयान के मुताबिक कि मुरलीधरन ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं, श्रीलंका क्रिकेट के अधिकारियों से बात की और श्रीलंका के माननीय राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और खेल मंत्री सीबी रत्नायके ने उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम गेंदबाजों में शुमार मुरलीधरन का करियर हालाँकि विवादों से भी अछूता नहीं रहा और कुछ अंपायरों ने उन पर चकिंग का आरोप भी लगाया। यह क्रिकेटर जब 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार मैदान पर उतरा, तभी उसके गैरपारंपरिक और अजीब एक्शन को लेकर विश्व क्रिकेट में बहस शुरू हो गई।पदार्पण के तीन साल बाद ही 1995-96 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंपायर डेरल हेयर ने उनकी गेंद को थ्रो करार देते हुए नोबॉल करार दिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पश्चिम ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय में बायोमैकेनिकल विश्लेषण की सिफारिश की और नतीजे पर पहुंचे कि उनका एक्शन ‘थ्रोइंग का दृष्टिभ्रम’ पैदा करता है।यह मुद्दा इसके बाद भी खत्म नहीं हुआ और 1998-99 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोस इमरसन ने भी उनके एक्शन पर संदेह जाहिर किया। उन्हें आगे के परीक्षणों के लिए पर्थ और इंग्लैंड में भेजा गया लेकिन इस बार भी उनका एक्शन साफ निकला।वर्ष 2004 में भी उनके एक्शन पर सवाल उठाए गए लेकिन इस श्रीलंकाई गेंदबाज ने विकेट चटकाना जारी रखा और इसी साल वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श के 519 विकेट के आँकड़े को पार करके टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बने।उन्होंने इसके बाद सर्वाधिक विकेट का 'डबल' भी बनाया जब 2009 में उन्होंने पाकिस्तान के वसीम अकरम के एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक 502 विकेट के ऑकड़े को पीछे छोड़ा। (भाषा)