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Written By WD

आखिर युवराज का कसूर क्या है?

-शराफत खान

ऑस्ट्रेलिया घरेलू टेस्ट श्रृंखला युवराजसिंह प्रदर्शन
FILE
युवराजसिंह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में टीम में जगह नहीं दी गई। एक बार फिर युवराज की उपेक्षा हुई। टीम में चयन का आधार प्रदर्शन है तो युवराज उसमें खरे उतरते हैं। पिछले श्रीलंकाई दौरे के दौरान युवराज ने दो पारियों में 5 और 52 के स्कोर बनाए थे। इसके अलावा अभ्यास मैच में उन्होंने टीम इंडिया की लाज बचाते हुए 118 रनों की आक्रामक पारी खेली थी। दूसरे टेस्ट से पहले उन्हें बुखार आ गया और फिर वे पूरी श्रृंखला में दर्शक बनकर रह गए।

ऊपर दिए गए आँकड़े इतने खराब नहीं हैं कि युवराज को टीम से ही बाहर निकाल दिया जाए। और फिर चयनकर्ताओं की सोच भी निश्चित नहीं है। कभी वे रिद्धीमान साहा को बतौर बल्लेबाज टीम में शामिल करते हैं तो कभी कहते हैं कि साहा रिजर्व विकेट कीपर हैं। श्रीलंका दौरे पर साहा बल्लेबाज के तौर पर टीम में थे या रिजर्व विकेट कीपर थे, यह तय नहीं था और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साहा को टीम से बाहर कर दिया गया। क्या अब चयनकर्ता रिजर्व विकेट कीपर के कॉन्सेप्ट पर एक राय नहीं बना सके। सवाल साहा को टीम में लेने या बाहर करने का नहीं है, बल्कि चयन समिति के काम करने के तरीके पर है।

युवराज टेस्ट टीम में नंबर पाँच या छह नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। इस क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 34 टेस्ट मैचों की 52 पारियों में 35.63 की औसत से 1639 रन बनाए हैं। यह प्रदर्शन उत्कृष्ट नहीं तो संतोषजनक तो है। और फिर युवराज जैसा बल्लेबाज कभी भी विरोधी टीम के लिए संकट खड़ा कर सकता है, उनके पराक्रम से सभी परिचित हैं।

और जब वीरेंद्र सहवाग, क्रिस गेल, तिलकरत्ने दिलशान, रॉस टेलर, माइकल हसी जैसे खिलाड़ी क्रिकेट के तीनों प्रारूप में एक जैसी शैली से खेलते हैं और इन बल्लेबाजों से उम्मीद भी की जाती है कि इन्हें अपनी नैसर्गिक खेली में ही खेलना चाहिए तो फिर युवराज के लिए यह क्यों कहा जाता है कि उनकी बल्लेबाजी में टेस्ट क्रिकेट वाला एलिमेंट नहीं है।

गौरतलब है कि युवराज ने अपने टेस्ट करियर में तीन शतक और नौ अर्धशतक लगाए हैं। ये शतक ऐसे समय आए जब टीम को सख्त जरूरत थी और ये पारियाँ उनकी शैली का बेहतरीन उदाहरण हैं। युवराज ने अपना पिछला शतक दिसंबर 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में बनाया था। हालाँकि युवराज के तीनों शतक पाकिस्तान के खिलाफ बने हैं। युवराज को टेस्ट टीम में स्थापित होने के लिए पयाप्त मौके नहीं मिले, ऐसा कहना गलत होगा लेकिन वनडे और टी-20 के बेस्ट फिनिशर के वर्तमान फॉर्म को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में उनकी जगह तो बनती थी।