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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 3 जून 2016 (14:55 IST)

सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर लगातार दूसरे महीने घटी

सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर लगातार दूसरे महीने घटी - service sector
नई दिल्ली। देश में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर मई में लगातार दूसरे महीने घटी है। पिछले साल नवंबर के बाद से इसमें सबसे कम बढ़त दर्ज की गई, इस स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक पर प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती का दबाव बढ़ेगा।
 
सेवा क्षेत्र की गतिविधि का आकलन करने वाला निक्केई सेवा गतिविधि सूचकांक मई में घटकर 51.0 रह गया, जो अप्रैल में 53.7 था। इससे कारोबारी गतिविधियों में धीमे विस्तार का संकेत मिलता है। यह विस्तार नवंबर के बाद से अब तक सबसे कमजोर है।
 
इस सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे कम रहना क्षेत्र की गतिविधियों में संकुचन का संकेत देता है। इस बीच विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र का आकलन करने वाले निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई उत्पादन सूचकांक मई में 6 महीने के न्यूनतम स्तर 50.9 पर रहा जबकि अप्रैल में यह 52.8 पर था।
 
इस सर्वेक्षण का संचालन करने वाली संस्था मार्केट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डीलीमा ने कहा कि पीएमआई के ताजा आंकड़ों से आर्थिक और मौद्रिक नीतियों के असर को लेकर संदेह पैदा होता है। सर्वेक्षण में कहा गया कि मई में विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि धीमी पड़ी है और इसके साथ सेवा क्षेत्र में भी नरमी रही है जिससे निजी क्षेत्र के उत्पादन में चाल कुछ सुस्त पड़ी है।
 
इस बीच सेवा प्रदाताओं का विश्वास भी पिछले 3 माह में सबसे कम हुआ है। हालांकि सेवा क्षेत्र की कंपनियों को उम्मीद है कि उत्पादन आने वाले 12 माह में बढ़ेगा लेकिन इस बारे में उम्मीद का पैमाना भी फरवरी के बाद से सबसे कम है।
 
लीमा ने कहा है कि वृद्धि की इस धुंधली तस्वीर से नीति-निर्माताओं की चिंता बढ़ेगी और रिजर्व बैंक द्वारा दरों में कटौती की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुद्रास्फीति का दबाव भी कम रहेगा, क्योंकि मई के आंकड़े लागत और शुल्कों में कमजोर वृद्धि की तरफ इशारा करते हैं। (भाषा)
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