ऐसे मिलेगा सस्ता सोना, जानिए मोदी सरकार की 'सस्ता सोना' बेचने की स्कीम की 5 खास बातें...
नई दिल्ली। सोना भारत में निवेश का परंपरागत माध्यम है। लोग इसमें निवेश को बेहद सुरक्षित मानते हैं। मोदी सरकार ने सोने में लोगों की इसी दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का दूसरा चरण शुरू किया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए 8 जुलाई से शुरू हुई दूसरे चरण की बिक्री 12 जुलाई तक चलेगी। इसके बाद 16 जुलाई को बॉन्ड जारी किए जाएंगे। सरकार की इस स्कीम से लोगों को न सिर्फ सस्ता सोना मिल सकेगा बल्कि इसके चोरी होने का जोखिम भी नहीं रखेगा।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत नवंबर 2015 में की गई थी। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है, जिसकी कीमत इस बुलियन के बाजार मूल्य से जुड़ी होती है। बॉन्ड के मैच्योर होने पर इसे नकदी में भुनाया जा सकता है। इस स्कीम को लांच करने का मुख्य उद्देश्य भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना है।
क्या है इस स्कीम के तहत सोने की कीमत : इस चरण के बॉन्ड्स के लिए एक ग्राम सोने की कीमत 3,443 रुपए रखी गई है। अगर आप बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाय करते हैं तो आपको 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। इस तरह एक ग्राम सोना आपको 3,393 रुपए में ही मिल जाएगा। इन्हें आप बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, पोस्ट ऑफिस और एनएसई एवं बीएसई के जरिए खरीद सकते हैं। एक व्यक्ति इस स्कीम को तरह 4 किलो सोना खरीद सकता है।
क्या है इन बॉन्ड्स को खरीदने का फायदा : अगर आप सोने के स्थान पर यह गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं तो इसमें निवेश की अवधि 8 साल होगी। हालांकि आप 5 साल के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। इससे आपको कैपिटल गैन टैक्स में छूट मिल सकती है। साथ ही आप इन्हें बैंक में गिरवी रखकर लोन भी ले सकते हैं। इसके अलावा आपको स्कीम के तहत शुरुआती निवेश पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज भी मिलेगा।
कब तक खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तीसरे चरण की बिक्री 5 से 9 अगस्त के बीच होगी। इस तीसरे चरण के बॉन्ड 14 अगस्त को जारी होंगे। वहीं चौथे चरण के लिए बिक्री 9 से 13 सितंबर के बीच होगी और बॉन्ड 17 सितंबर को जारी होंगे।
दस्तावेज जरूरी : इस योजना में निवेश के लिए KYC मानदंड वहीं होंगे जो वास्तविक सोने की खरीद के लिए होते हैं। प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशक/ निवेशकों को जारी 'पैन नंबर' होना चाहिए।