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Last Modified: बुधवार, 25 नवंबर 2020 (18:19 IST)

कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को दी मंजूरी

कैबिनेट ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को दी मंजूरी - merger of lakshmi vilas bank with dbs india cleared by cabinet
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड (एलवीबी) के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) में विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
 
बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दोनों बैंकों के विलय की यह योजना जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और वित्तीय एवं बैंकिंग स्थिरता के हित में, बैंकिंग विनियमन कानून, 1949 की धारा 45 के तहत आरबीआई के आवेदन पर बनाई गई है। रिजर्व बैंक ने सरकार की सलाह से जमाकर्ताओं के हित की रक्षा के लिए 17 नवंबर को एलवीबी पर 30 दिन की अवधि के लिए मोरेटोरियम लगा दिया था और उसके निदेशक मंडल के ऊपर एक प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी।
 
जनता और हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करने के बाद रिजर्व बैंक ने विलय की यह योजना तैयार की और उसे सरकार की मंजूरी के लिए पेश किया था।

यह कार्य मोरेटोरियम की अवधि के समाप्‍त होने से काफी पहले कर लिया गया ताकि लागू मोरेटोरियम के कारण अपने धन की निकासी नहीं कर पाने की जमाकर्ताओं की परेशानी को कम किया जा सके। इस योजना के मंजूर हो जाने के बाद एलवीबी का एक उचित तिथि पर डीबीआईएल के साथ विलय हो जाएगा और तब जमाकर्ताओं पर अपना धन निकालने को लेकर किसी भी तरह की रोक नहीं रहेगी।
 
डीबीआईएल एक बैंकिंग कंपनी है जिसे आरबीआई का लाइसेंस प्राप्‍त है और जो पूर्ण स्वामित्व वाले सहायक मॉडल पर भारत में परिचालन करती है। डीबीआईएल की सुदृढ़ बैलेंस शीट है और उसके पास पर्याप्‍त पूंजी है। डीबीएस से संबद्ध होने के कारण वह अतिरिक्‍त लाभ की स्थिति में भी है।

डीबीएस एशिया का एक प्रमुख वित्तीय सेवा ग्रुप है जिसकी 18 बाजारों में उपस्थिति है।इसका मुख्‍यालय सिंगापुर में है। वह सिंगापुर के शेयर बाजार में लिस्टि‍ड भी है। विलय के बाद भी डीबीआईएल का संयुक्‍त बैलेंस शीट सुदृढ़ रहेगा और इसकी शाखाओं की संख्‍या बढ़कर 600 हो जाएगी।
 
एलवीबी का तेजी से विलय और उसकी समस्‍या का समाधान, सरकार की स्‍वच्‍छ बैंकिंग व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। यह जमाकर्ताओं और आम जनता के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली के हित में भी है। (वार्ता)
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