मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. Maruti Suzuki India Limited, Car Market
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017 (23:37 IST)

बाजार पर मजबूत हुई मारुति की पकड़

बाजार पर मजबूत हुई मारुति की पकड़ - Maruti Suzuki India Limited, Car Market
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की भारतीय यात्री वाहन बाजार पर पकड़ और मजबूत हुई है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 47 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। वहीं टाटा मोटर्स लिमिटेड ने भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हुए होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड से चौथा स्थान हथिया लिया है।
 
घरेलू बाजार में पांच शीर्ष विक्रेताओं में पिछले तीन साल से मारुति, हुंडई मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा कायम हैं। इसमें गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में मारुति, हुंडई और टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि अन्य दो की कम हुई है। 
 
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम द्वारा इस सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, 2016-17 में देश में कुल 30 लाख 46 हजार 727 यात्री वाहन बिके। इसमें मारुति की बिक्री 10.59 प्रतिशत बढ़कर 14,43,641 इकाई रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़कर 47.38 प्रतिशत पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2014-15 में उसकी बाजार हिस्सेदारी 45.01 प्रतिशत और 2015-16 में 46.79 प्रतिशत रही थी।
 
टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी 2015-16 में 5.36 प्रतिशत रही थी और इस मामले में वह पांचवें स्थान पर थी। पिछले वित्त वर्ष में उसकी बिक्री 15.45 प्रतिशत बढ़कर 1,72,504 इकाई पर और बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 5.66 प्रतिशत पर पहुंच गई। 
 
होंडा की बिक्री घटने का भी उसे फायदा मिला। वित्त वर्ष 2015-16 में होंडा की बाजार हिस्सेदारी 6.88 प्रतिशत थी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में यह घटकर 5.16 प्रतिशत रह गई। इस दौरान उसकी बिक्री 18.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,57,313 इकाई पर आ गई।
 
हुंडई 5,09,705 वाहन बेचकर 16.73 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही। वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी हिस्सेदारी 17.36 प्रतिशत और 2014-15 में 16.17 प्रतिशत रही थी। महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी पिछले दो वित्त वर्ष में लगातार घटी है। 
 
वर्ष 2014-15 में यह 8.61 प्रतिशत, 2015-16 में 8.47 प्रतिशत और 2016-17 में 7.75 प्रतिशत दर्ज की गई। हालांकि वह लगातार तीसरे स्थान पर बनी हुई है। बीते वित्त वर्ष उसकी बिक्री 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,36,130 इकाई पर आ गई। (वार्ता)