Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
मंगलवार, 12 मई 2009 (16:28 IST)
...तो बनाना होगी सहयोगी कंपनी
बीमा नियामक इरडा ने मंगलवार को कहा कि बीमा कंपनियाँ यदि नई पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड प्रबंधक (पीएफएम) की तरह या नई पेंशन योजना के तहत प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) की तरह काम करना चाहती हैं तो उन्हें एक सहयोगी कंपनी स्थापित करना होगी।
इरडा ने कहा कि जीवन बीमा कंपनियाँ पीएफम की तरह काम करने के लिए अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनियाँ स्थापित कर सकती हैं। इरडा ने कहा कि किसी गैरजीवन बीमा कंपनी को पीएफएम की तरह काम करने की मंजूरी नहीं मिलेगी।
यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पीएफआरडीए ने कुछ बीमा कंपनियों को धन प्रबंधन और पीओपी की तरह काम करने के लिए चुना है और इरडा की मंजूरी माँगी है।
इरडा ने कहा कि जो भी जीवन बीमा कंपनी पीएफएम की तरह काम करना चाहती है, उसे प्राधिकार से पहले इसकी मंजूरी लेना होगी। बीमा नियामक ने कहा कि सहयोगी कंपनियों की पूँजी की जरूरत शेयरधारकों के फंड के जरिये पूरी की जाएगी।