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Written By WD
Last Modified: बुधवार, 31 अगस्त 2011 (11:02 IST)

फूलों से महकाएं अपना करियर

दीपिका शर्मा

कैरियर की संभावनाएं
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हमारे जीवन में फूलों का बहुत महत्व है। जीवन को खुशनुमा, जीवंत और सुगंधित वातावरण प्रदान करने में फूल बहुत अहम हैं। रंग-बिरंगे फूल किसी भी उदासीन सी जगह को प्रफुल्लित करके सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। इन फूलों की खुशबू मिनटों में हमारे मूड में ताजगी और स्फूर्ति पैदा करती है। ऐसा भी कहा जाता है कि फूलों की अपनी जुबां होती है, जो आप शब्दों में नहीं कह सकते वह आप फूलों के जरिए कह सकते हैं।

फूलों की इस भूमिका को जिंदगी में खूब जगह मिली है। फूलों को मौके पर पहुंचाना और इसके उत्पादन के काम ने देश के कोने-कोने में रोजगार के नए आयाम दिखाए हैं। आज विभिन्न शहरों और महानगरों में जिस मात्रा में फूलों की खपत बढ़ी है उसकी भरपाई के लिए पूरा एक उद्योग जगत उठ खड़ा हुआ है।

यह उद्योग फूलों के उत्पादन से लेकर उसकी पैकेजिंग और आपूर्ति तक का प्रबंधन एक विशेष योजना के साथ करता है। साथ ही, इसके लिए ऐसे हुनरमंद लोगों को भी जोड़ता है जो यह काम सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें। इस उद्योग में फार्म मैनेजर से लेकर पौधारोपण विशेषज्ञ, सुपरवाइजर व प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर जैसे कई पद निकलकर सामने आए है। इन पदों को ध्यान में रखकर देश के शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कोर्स भी चलाए जा रहे हैं। ये कोर्स कहीं डिग्री रूप में तो कहीं सर्टिफिकेट व डिप्लोमा रूप में हैं।

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कोर्स के रूप : फ्लोरिकल्चर यानी पुष्पोत्पादन वैसे तो विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर डिग्री कोर्स नहीं है। इस कोर्स की पढ़ाई स्नातक स्तर पर कृषि विज्ञान के तहत होती है। उन्हें आगे चलकर हॉर्टीकल्चर यानी उद्यान विज्ञान में स्नातकोत्तर करने की सुविधा दी जाती है। छात्र इसी क्षेत्र में आगे स्पेशलाइजेशन भी चुनते हैं जिसमें फ्लोरिकल्चर, पोमोलॉजी व ओलेरिकल्चर आदि आता है।

फ्लोरिकल्चर में फूलों की खेती और उसकी मार्केटिंग आदि का अध्ययन इसमें विशेष रूप से शामिल होता है। इससे संबद्ध विशेषज्ञ को फ्लोरिकल्चरिस्ट कहा जाता है। जो छात्र इन क्षेत्रों में रिसर्च करते हैं उन्हें प्रतिष्ठित रिसर्च एंड विकास से जुड़ी कंपनियों और कॉर्पोरेट हाउस में काम करने का मौका मिलता है। पौधा उद्योग में फूलों का व्यापार, उत्पादन, पौधारोपण, गमला तैयार करना व उसके बीजों का संरक्षण जैसी कई चीजें शामिल हैं।

दाखिला कैसे : कृषि विषयों में स्नातक करने के लिए ऑल इंडिया प्रवेश परीक्षा होती है। कहीं-कहीं इसमें दाखिला 12वीं की मैरिट के आधार पर होता है। इसमें दाखिले के लिए यह जरूरी है कि छात्र को भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित व बॉयलोजी पढ़ा होना चाहिए। जो एमएससी करना चाहते हैं उनके लिए भी आईसीएआर अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित कराती है।

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करियर कहां : फ्लोरिकल्चर के लिए करियर के विविध रंग हैं। इसके विशेषज्ञ फलोरिकल्चर यूनिट में फूलों के विकास, पैकेजिंग, गमले व गुलदस्ते तैयार करना व इसके बीजों का संरक्षण जैसे काम से जोड़ा जाता है।

वे इस यूनिट में फूलों के उत्पादन के लिए उचित वातावरण तैयार करने में भी मदद करते हैं। यूनिट के बाहर इसके विशेषज्ञों को बगीचों के रखरखाव व उसके विकास के काम में रखा जाता है। ऐसे लोगों को आज इत्र और कॉस्मेटिक उद्योग में भी रखा जा रहा है। इसके अलावा, सबसे बड़ा काम स्वरोजगार के रूप में है। वे अपनी नर्सरी खोलकर लोगों की जरूरतें पूरी कर सकते हैं। पुष्प से जुड़े रिसर्च संस्थान या कृषि विश्वविद्यालय में अध्यापन या रिसर्च में भी जा सकता है।


कोर्स कराने वाले संस्थान

सर्टिफिकेट कोर्स इन फ्लोरिकल्चर, नालंदा ओपन विश्वविद्यालय, पटना।

नार्थ ईस्टर्न हील यूनिवर्सिटी, शिलांग।

डिप्लोमा कोर्स, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, अन्नामलाई नगर।

एमएससी इन फ्लोरिकल्चर, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

कृषि संस्थान, इलाहाबाद।