शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Poems For Girl

बाल साहित्य : वह कूड़ा बीनने वाली लड़की

बाल साहित्य : वह कूड़ा बीनने वाली लड़की - Poems For Girl
वह कूड़ा बीनने वाली
नन्ही सी लड़की


 
दिखती है मुझे
नित्य प्रात: की सैर पर
अपनी आंखों में अनेक
सपने लिए
जिसको मैं पढ़ने की
कोशिश करता हूं
छिपे हुए हैं कुछ
अनुत्तरित प्रश्न उनमें
भोजन के अधिकार के
शिक्षा के अधिकार के
रोजगार के अधिकार के
जो वर्षों से अनुत्तरित थे
आज भी अनुत्तरित हैं
मैं अपलक उसे देखता हूं
वह अपने कर्म में रत
जीवन के संघर्ष में संलग्न अनवरत
स्कूल जाती लड़कियों को देख
मुस्कराती है
फिर कोई मीठा सा
गीत गाती है
मैं सोचता हूं कि ये
कब तक कूड़ा बीनती रहेगी?
अंतरमन से आवाज आती है
शायद तब तक, जब तक
हमारे समाज का
कूड़ा समाप्त नहीं
हो जाएगा।