मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Holi Poem in Hindi
Written By

रंगबिरंगी होली पर कविता : कितनी प्यारी पिचकारी

रंगबिरंगी होली पर कविता : कितनी प्यारी पिचकारी - Holi Poem in Hindi
- सत्यनारायण 'सत्य'
 
पिचकारी रे पिचकारी रे
कितनी प्यारी पिचकारी।
छुपकर रहती रोजाना,
होली पर आ जाती है,
रंग-बिरंगे रंगों को 
इक-दूजे पर बरसाती है।
 
कोई हल्की, कोई भारी,
कितनी प्यारी पिचकारी।
होता रूप अजब अनूठा,
कोई पतली, कोई छोटी,
दुबली दिखती, गोल-मटोल,
कोई रहती मोटी-मोटी।
 
देखो सुन्दर लगती सारी,
कितनी प्यारी पिचकारी।
होली का त्योहार तो भैया,
इसके बिना रहे अधूरा,
नहीं छोड़े दूजों पर जब तक,
मजा नहीं आता है पूरा।
करती रंगों की तैयारी
कितनी प्यारी पिचकारी।

ये भी पढ़ें
सुबह की शुरुआत प्राणायाम के साथ कीजिए, सांसों को साध लीजिए