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बाल गीत : गोरैया
हाइकू 24
चोंच में दाना
उठा उड़ी गोरैया
चुगाती चूजे।
कब आओगी
गोरैया मेरे द्वार
दाना चुगने।
पेड़ पर है
तिनकों का घोंसला
गोरैया नहीं।
नन्ही गोरैया
फुदक-फुदककर
दाना चुगती।
मुन्ने के सिर
फुदक रहा चूजा
प्रेम बंधन।
अंजुरी भर
प्रेममयी गोरैया
स्नेहिल स्पर्श।