हिन्दी हाइकू रचना : चुप से...
1. चुप से क्यों हो
मन को सारी बातें
कहने तो दो।
2. सुनो तो आओ
बैठें एक किनारे
कांधे पे सिर।
3. आंसू क्यों गिरे
दर्द का समंदर
पीना है तुझे।
4. खामोशियां ही
अच्छी हैं बोलने से
रूठते लोग।
5. तेरा हंसना
लगा चांद उतरा
मुस्कुराकर।
6. मन तुम्हारा
व्यथित बहुत है
चांद सरीखा।
7. क्यों चुप-सी हो
मन के दरवाजे से
बाहर झांको।
8. प्यार में आओ
मिलकर हमसे
गम भुलाओ।
9. ये जीवन है
अश्रु की जलधारा
अटूट रिश्ते।
10. भेज रहा हूं
सुन्दर से हाइकू
बोलो है कैसे।