शनिवार, 27 अप्रैल 2024
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Written By Author प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बाल साहित्य : बहुत जोर से भूख लगी है

बाल साहित्य : बहुत जोर से भूख लगी है - bahut jor se bhukh lagi hai
बहुत जोर से भूख लगी है
 

 
गप्पड़-गप्पड़ सत्तर-अस्सी,
खाए समोसे खड़े-खड़े। 
तीस गिलास पिएंगे लस्सी,
इसी बात पर अड़े खड़े। 
 
लस्सी पीकर पहुंच गए थे,
एक पुराने होटल में। 
चार बड़े मुर्गे फटकारे,
बस केवल कुछ ही पल में। 
 
फिर बोले मित्रों से अपने,
अब हम घर को जाएंगे। 
बहुत जोर से भूख लगी है,
जाकर खाना खाएंगे।