शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Aayi Diwali
Written By

दीपावली पर कविता : दूर हुए अंधियारे, आई दिवाली...

दीपावली पर कविता : दूर हुए अंधियारे, आई दिवाली... - Aayi Diwali
- अखिलेश जोशी


 
जगमग-जगमग दीप जले 
आई दिवाली
घर-घर में नाच रही है खुशहाली।
 
दूर हुए अंधियारे, लगें उजले पहर
जगमगा उठे हैं हर गांव, हर शहर
धरती आसमान पर छाई,
खुशियों की लाली। 
 
दीप धरे बालक-बाला मुंडेरों पर
रंग रंगोली से सजाए हैं कैसे घर
वंदनवार लगाए द्वार सजाए
लगाए झूमर मोली। 
 
चुन्नू-मोनी फोड़ रहे हैं पटाखे
रामू-श्यामू भी कर रहे हैं धमाके,
खुशियों से भर ली, पटाखों की झोली। 
 
भेदभाव भुलाकर, गले मिल रहे हैं
गीत खुशी के गाए, कैसे झूम रहे हैं
मन में स्नेह भाव, बोले मीठी बोली। 

साभार- देवपुत्र 
ये भी पढ़ें
सीताफल के 10 बेमिसाल फायदे, आपको जरूर जानना चाहिए