शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. जैन धर्म
  4. महावीर स्वामी की आरती
Written By

महावीर स्वामी की आरती

महावीर स्वामी की आरती - महावीर स्वामी की आरती
जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो।
कुण्डलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो॥ ॥ ओम जय .....॥


 
सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी।
बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॥1 ओम जय .....॥
 
आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी।
माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥2 ओम जय .....॥
 
जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो।
हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॥3 ओम जय .....॥
 
इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ।
ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॥4 ओम जय .....॥
 
प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना।
मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॥5 ।ओम जय .....॥
 
जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी।
एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॥6 ओम जय .....॥
 
जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै।
होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॥7 ओम जय .....॥
 
निशि दिन प्रभु मन्दिर में, जगमग ज़्योति जरै।
हरि प्रसाद चरणों में, आनन्द मोद भरै ॥8 ओम जय .....॥