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IPL-13 : बुझे हुए हुक्के गुड़गुडा़ए नहीं जाते

IPL-13 : बुझे हुए हुक्के गुड़गुडा़ए नहीं जाते - Delhi Capitals vs Chennai Super Kings IPL Match
बाबा आदम के जमाने की कहावत है कि 'बुझे हुए हुक्के गुड़गुड़ाए नहीं जाते'। इसे चरितार्थ किया चेन्नई सुपर किंग्स ने। गुड़-गुड़ की आवाज तो नहीं आई केवल धुआं ही निकलता रहा। क्रिकेट में तो जुमला ही है कि 'पकड़ो कैच जीतो मैच' लेकिन चेन्नई ने नई कहावत बना दी की 'छोड़ो कैच और हारो मैच'। ये पूरा नजारा दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के मैच में देखने को मिला।
 
बात सीधी है कि यदि एक ही बंदे के आप 4 कैच छोड़ोगे तो वह भरतनाट्यम नहीं सिर पर 'तांडव' ही करेगा। शिखर धवन ने ऐसा ही किया। उनका पहला शतक यह दर्शा गया कि आपने मुझे मौका दिया तो फिर आप केवल पराजय के ही हकदार है। शिखर ने आईपीएल का ही नहीं बल्कि टी20 का पहला नाबाद शतक (101 रन, 58 गेंद, 14 चौके, 1 छक्का) जड़ा। 
 
आते ही युवा सैम कुरेन को कुछ भी करने का तुषार देशपांडे ने मौका ही नहीं दिया। वॉटसन तथा डु प्लेसिस ने उम्दा साझेदारी करते हुए एनरिच, रबाडा, अश्विन और तुषार की अच्छी खबर ली। विशेष रूप से फामा डु प्लेसिस (53) का अर्धशतक अपने चरम पर रहा। उन्हें धवन ने जीवनदान भी दिया।
 
शेन वॉटसन ने 6 चौकों का सहारा लिया जबकि डु प्लेसिस ने 2 छक्के तथा छह चौके जमाए। धोनी मैदान पर केवल दिखाने आए कि मैं भी टीम मे हूं। इसके बाद रायडू 45 (4 छक्के 1 चौका) ने अपना 'पावर' दिखाया जबकि जडेजा ने मात्र 13 गेंदों में 4 छक्के उड़ाकर सुपर स्ट्राइकर की भूमिका निभाते हुए स्कोर 179 तक पहुंचा दिया।
 
इस दौरान चेन्नई की तरफ से 10 छक्के और 13 चौके देखने को मिले। अक्षर पटेल ने भले ही विकेट नहीं लिया लेकिन सबसे कंजूस गेंदबाज साबित हुए। प्रारंभ में ही चाहर ने पृथ्वी (0) एवं अजिंक्य रहाणे (8) का दीपक बुझा दिया। इसके बाद तो शिखर धवन, गेंदबाज और क्षेत्ररक्षकों के बीच जुगलबंदी चल रही थी। धवन चौके मारते रहे, क्षेत्ररक्षक कैच छोड़ते रहे, जिनमें धोनी भी शामिल है। श्रेयस अय्यर (23) ने शांत और स्टोइनिस 24 (14) ने ताबड़तोड़ पारी खेली जबकि एलेक्स कैरी एक बार फिर टीम पर बोझ साबित हुए।
 
भले ही धवन ने शतक जमाया लेकिन धोनी के हलक से जीत का निवाला अक्षर पटेल ने निकाल लिया। इस पटेल ने मात्र 5 गेंदों में 21 रन ठोक कर दिल्ली की 5 विकेट की जीत को सुनहरे अक्षर में लिख दिया। अंतिम ओवर में अक्षर ने जडेजा को 3 छक्के उड़ा कर चेन्नई के ताबूत में कील ठोंक दी। 
 
हार के बाद धोनी ने कारण गिनाए...सभी कप्तान ऐसा करते हैं। वास्तव में धोनी कप्तान, विकेटकीपर एवं बल्लेबाजी की विधा में पूर्ण रूप से विफल रहे। पाठकों को याद दिलाना आवश्यक है कि डगआउट में पूर्व पर्पल कैप धारी इमरान ताहिर अब तक बैठे हैं और पूछ रहे हैं कि मेरा नंबर कब आएगा??
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