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Last Modified: शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017 (19:33 IST)

अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने में 'पोकेमॉन' भी शामिल

अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने में 'पोकेमॉन' भी शामिल - US Presidential Election, Pokémon Go, American Elections
वॉशिंगटन। सीएनएन ने अपनी एक कथित खोजी रिपोर्ट में दावा किया है कि संदिग्ध रूसी लोगों ने  लोकप्रिय रियलिटी गेम पोकेमॉन गो के जरिए अमेरिकी चुनावों में घुसपैठ की और लोगों में प्रजातीय  तनाव को बढ़ाने का काम किया। यह तनाव उस समय पैदा किया गया, जबकि अमेरिकी 2016 के  राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि 'पोकेमॉन गो' खेल का प्रमुख चरित्र 'पिकाचू' है जिसे खलनायक बताया गया है।   
 
रिपोर्ट में कथित तौर पर दावा किया गया है कि टम्बलर पेज को एक रूसी हैकिंग ग्रुप से जोड़ा गया  था जिसने एक प्रतियोगिता को प्रसारित करने का काम किया। जिन लोगों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया था वे ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएमएल) से जुड़े थे। उनसे कहा गया कि वे पोकेमॉन गो को उस स्थलों पर चलाएं जहां पर पुलिस बर्बरता की घटनाएं हुई हैं। इस सारी कवायद का उद्देश्य अमेरिका में प्रजातीय तनाव को बढ़ाना था। 
 
एक विस्तारित और अवास्तविक योजना के तहत खेलने वालों से कहा गया कि वे अपने चरित्रों का नाम बदल दें और इन्हें ऐसी हिंसक घटनाओं में पीड़ित लोगों के नाम पर रखें। विदित हो कि 'एरिक गार्नर' की एक पोस्ट के तहत एक प्रतियोगिता को बढ़ावा दिया गया था जिसके विजेता को एक अमेजन प्राइम गिफ्ट कार्ड दिया जाना था। 
विदित हो कि 'एरिक गार्नर' वह व्यक्ति था जो कि वर्ष 2014 में न्यूयॉर्क के स्टेंटन आईलैंड में पुलिस हिरासत में मारा गया था, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सीएनएन को इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता कि किसी ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।   
 
'सीएनएन का यह भी तर्क है कि अफ्रीकी अमेरिकियों ने अपना रुख पोकेमॉन खेलकर ही तय किया था' और यह टिप्पणी रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखी।  
 
उन्होंने आगे यह भी लिखा कि इस तरह कितने कमजोर तरीके से टीवी चैनल ने आधुनिक अमेरिका में प्रजातीय समस्या के पैदा करने का ठीकरा रूसियों के सिर पर फोड़ दिया और उस पोकेमॉन्स के सिर पर भी जिस पर वे नियं‍त्रण करते हैं।
 
जेनिफर ब्रीडन, जो कि अंतरराष्ट्रीय और आपराधिक कानून में विशेषज्ञता रखती हैं। उनका कहना है कि सीएनएन चैनल किसी भी ऐसी स्टोरी को झपटकर उठा लेता है, जिसमें रूस को बुराई के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है।