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Last Updated : शुक्रवार, 21 जून 2019 (16:50 IST)

H-1B वीजा पर अमेरिका सख्त, 45 हजार भारतीय हो सकते हैं प्रभावित

H-1B वीजा पर अमेरिका सख्त, 45 हजार भारतीय हो सकते हैं प्रभावित - US hard on H-1B visa, 45 thousand Indians may be affected
अमेरिका भारत को एच-1बी वीजा देने की सीमा 10 फीसदी से 15 फीसदी तक सीमित करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के इस सख्‍त कदम से 45 हजार भारतीय प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका हर साल 85000 एच-1बी वीजा जारी करता है और इनमें से 70 फीसदी वीजा भारतीय कर्मचारियों को ही मिलते हैं। दरअसल, भारत की ओर से विदेशी कंपनियों पर स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोरेज को लेकर दबाव बनाए जाने से अमेरिका नाराज है।
 
खबरों के मुताबिक, भारतीयों को हर साल 10 से 15 फीसदी कोटा ही मिलेगा। अमेरिका हर साल 85000 लोगों को H1B वीजा देता है, जिसमें 70 फीसदी वीजा भारत के लोगों को दिया जाता है। मगर अब इसमें कमी की जा रही है।
 
अगर अमेरिका इसे लागू करता है तो भारत का आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। यह उन देशों पर लागू किया जाएगा, जो विदेशी कंपनियों को अपने यहां डेटा जमा करने के लिए बाध्य करती है। दरअसल, हाल के दिनों में टैरिफ वॉर के चलते भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में कड़वाहट आ गई है।
 
व्यापार में मिलने वाली कुछ छूटों को खत्म किए जाने के बाद भारत ने बीते रविवार को अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाने का ऐलान किया था। ये कदम तब उठाया गया, जब पिछले दिनों अमेरिका ने भारत को व्यापार में मिलने वाली कुछ छूटों को खत्म कर दिया था। फिलहाल किसी भी देश के लिए एच1-बी वीजा लेने के लिए कोई सीमा तय नहीं है।
 
एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है, जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी है। अगर अमेरिका ऐसा करता है तो टीसीएस और इंफोसिस जैसी बड़ी भारतीय कंपनियों को काफी नुकसान होगा। 150 अरब डॉलर यानी 10.5 लाख करोड़ रुपए की भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है।