• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. तनाव के बीच पाकिस्तान में कैद कुलभूषण से की भारतीय राजनयिक ने मुलाकात
Written By
Last Modified: सोमवार, 2 सितम्बर 2019 (16:55 IST)

तनाव के बीच पाकिस्तान में कैद कुलभूषण से की भारतीय राजनयिक ने मुलाकात

Kulbhushan Jadhav
इस्लामाबाद। भारतीय कूटनीति व दबाव का असर पाकिस्तान पर भी नजर आने लगा है। उसने अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुपालन में सोमवार को कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच की अनुमति दी तथा उसके बाद भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक ने उनसे मुलाकात की।
 
भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में पड़ोसी देश ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप पाकिस्तान द्वारा आधिकारिक तौर पर जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान किए जाने की अनुमति देने के बाद यह मुलाकात हो रही है।
खबर में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव से किस भारतीय राजनयिक ने मुलाकात की है? नई दिल्ली में हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी गौरव अहलूवालिया, जाधव से मुलाकात करेंगे।
 
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट किया था कि भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियेना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (2 सितंबर, 2019) को उपलब्ध कराई जाएगी।
 
गौरतलब है कि 49 वर्षीय जाधव को जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
 
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने 1 अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जाएगी, हालांकि जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच 2 अगस्त की दोपहर 3 बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी।
 
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुन:विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को 3 मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे।
 
हालांकि भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वे नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को केंद्र सरकार द्वारा हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान की ओर से यह पेशकश की गई है।
ये भी पढ़ें
INX Media case : चिदंबरम की सुप्रीम कोर्ट में ही होगी सुनवाई, तिहाड़ से मिली राहत