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Last Modified: मंगलवार, 14 नवंबर 2017 (00:08 IST)

मोदी ने ट्रंप से कहा, रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों से भी आगे जा सकते हैं

मोदी ने ट्रंप से कहा, रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों से भी आगे जा सकते हैं - Narendra Modi, Donald Trump, Bilateral Relations
मनीला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि दोनों देशों के रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों से भी आगे बढ़ सकते हैं और एशिया के भविष्य के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। यह दोनों देशों के बीच हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक मुद्दों को लेकर बढ़ती सहमति को प्रतिबिंबित करता है।
 
आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान यहां दोनों के बीच विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई। इस दौरान मोदी ने ट्रंप को आश्वस्त किया कि भारत अमेरिका और दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करेगा। ट्रंप ने अपनी इस एशिया यात्रा के दौरान भारत के बारे में अच्छी अच्छी बातें की है। मोदी ने इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का धन्यवाद दिया।
 
इससे पहले कल यहां भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच चतुर्पक्षीय गठबंधन को आकार देने को लेकर इन देशों के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसका मकसद रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी बनाए रखना है। उसके एक दिन बाद मोदी-ट्रंप की यह बैठक हुई। 
 
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, भारत और अमेरिका के बीच सहयोग द्विपक्षीय सहयोग से भी आगे बढ़ सकता है और दोनों देश एशिया और दुनिया के भविष्य के लिए काम कर सकते हैं..हम कई मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका के बीच बड़े सहयोग पर जोर देता रहा है। इस क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।
 
मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने एशिया दौरे के दौरान जब भी मौका मिला, भारत की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा,हाल के दिनों में राष्ट्रपति ट्रंप जहां कहीं भी गए और जब भी उन्हें भारत के बारे में बोलने का मौका मिला उन्होंने भारत के बारे में बेहद अच्छी राय व्यक्त की। 
 
मोदी ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि दुनिया और अमेरिका की हमसें जो भी अपेक्षाएं हैं, भारत ने हमेशा उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास किए हैं और हम भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। यहां सोफिटल होटल में दोनों के बीच करीब 45 मिनट बैठक चली। इसी होटल में ट्रंप ठहरे हैं।
 
बैठक के बाद मोदी ने ट्रंप के साथ हुई बैठक के बारे में ट्विटर के जरिए जानकारी दी। उन्होंने लिखा है, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए मेरी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ सार्थक बातचीत हुई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरण भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। ट्रंप ने अपनी तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को एक दोस्त बताया।
 
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बाद में जानकारी देते हुए बैठक को सौहार्दपूर्ण, रचनात्मक और काफी संतोषजनक बताया। इस दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि बातचीत मुख्यतौर पर व्यापार और निवेश सहित आर्थिक मुद्दों पर केन्द्रित थी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और एक दूसरे के बाजार में पहुंच बढ़ाने के तौर तरीकों पर विचार-विमर्श हुआ।
 
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग, आतंकवादरोधी, वृद्धि, कोरियाई संकट, मध्य पूर्व और खाड़ी देशों की स्थिति को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। अफगानिस्तान को लेकर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को समुद्री मार्ग की गई गेहूं आपूर्ति के बारे में बताया। उन्होंने म्यांमार में रोहिंग्या की स्थिति को लेकर भी चर्चा की।
 
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां हैं और हम पहले भी मिल चुके हैं। वे हमारे दोस्त बन गए हैं। वे शानदार काम कर रहे हैं। कई चीजों को सुलझाया जा चुका है और हम साथ काम करना जारी रखेंगे। 
 
ट्रंप ने कहा कि मोदी भारत में विभिन्न पक्षों को साथ लाने का शानदार काम कर रहे हैं। ये मैंने सुना है और यह अच्छी खबर है। भारत से कई अच्छी खबरें आ रही हैं। माना जाता है कि दोनों नेताओं ने परस्पर हितों के कई अन्य मुद्दों के साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्यों पर चर्चा की। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई।
 
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता की पृष्ठभूमि में चार देशों के गठबंधन की पहल की गई है। सामरिक महत्व के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका भारत के लिए बड़ी भूमिका की वकालत कर रहा है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हिंद प्रशांत शब्द के इस्तेमाल से इस आशंका को बल मिला कि इसका इस बात से लेना हो सकता है कि वॉशिंगटन, चीन को जवाब देने के लिए दरअसल अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के तथा कथित चतुर्भुज सामरिक गठबंधन की भूमिका की तैयारी कर रहा है।
 
ट्रंप ने शनिवार को भारत की ‘अद्भुत’ वृद्धि की तारीफ करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह इस विशाल देश और उसके लोगों को साथ लाने के लिए सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।
 
वियतनाम के दानांग शहर में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर सीईओ के एक समूह को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था कि भारत हिंद- प्रशांत के क्षेत्र में एक ऐसा देश है जो प्रगति कर रहा है। (भाषा)
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