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Last Updated :मक्‍का , शनिवार, 12 सितम्बर 2015 (21:15 IST)

पवित्र 'मक्का' में क्रेन गिरने से 107 लोगों की मौत

पवित्र 'मक्का' में क्रेन गिरने से 107 लोगों की मौत - Masjid al-Haram
मक्‍का। सउदी अरब प्रशासन मक्का की ग्रैंड मस्जिद के स्थल पर निर्माण कार्य में लगे क्रेन के गिरने की जांच में शनिवार को जुट गया और उसने कहा कि वार्षिक हजयात्रा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। यहां क्रेन गिरने से कम से कम 107 लोगों की जान चली गई।




इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में एक इस मस्जिद पर क्रेन गिरने से करीब 200 अन्य घायल भी हो गए। उस वक्त जुम्मे की नामाज के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हुए थे।
 
एक पखवाड़े से भी कम समय बाद शुरू होने जा रही हजयात्रा के लिए सैकड़ों हजयात्री पहुंच चुके हैं। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में एक इस उत्सव में पिछले साल करीब 20 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। एक सउदी अधिकारी ने कहा कि इस हादसे के बावजूद हज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।
 
अपनी पहचान प्रकट करने से इनकार करते हुए एक अधिकारी ने कहा, निश्चित ही इससे इस सीजन में हज पर कोई असर नहीं पड़ेगा और प्रभावित हिस्से को कुछ ही दिनों में ठीक कर लिया जाएगा। 
 
दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया ने कहा कि इस हादसे में उसके दो नागरिकों की जान चली गई जबकि मलेशिया और ईरान का कहना है कि हादसे में मारे गए लोगों में उनके नागरिक भी शामिल हैं। वैश्विक नेताओं ने इस हादसे पर शोक प्रकट किया। मक्का के गवर्नर शहजादा खालिद अल फैजल ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। 
 
मस्जिद में काम करने का दावा कर रहे अब्दुल अजीज नकूर ने बताया कि उसने तूफान के बाद क्रेन को गिरते देखा। उसने बताया कि अगर अल तवाफ पुल नहीं होता तो हताहतों की संख्या अधिक होती। उसका इशारा उस मार्ग की ओर था जो इस पवित्र काबा के चारों ओर से गुजरता है। यहां दुनियाभर से मुसलमान नमाज के लिए पहुंचते हैं।
 
स्थानीय पत्रकार कमाल इदरिस ने कहा कि इस हादसे के बाद मरीजों के वास्ते कल रात बड़ी संख्या में सउदी नागरिक और विदेशी नागरिक रक्तदान के लिए जुटे। एक अस्पताल के बाहर सड़क पर 100 से अधिक लोग रक्तदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
 
टि्वटर पर डाली गई तस्वीरों में रक्तरंजित शव उस जगह पर पड़े नजर आ रहे हैं जहां क्रेन का शीर्ष हिस्सा बहुमंजिला इमारत पर गिरा। यू-ट्यूब पर डाले गए एक वीडियो में दिख रहा है कि क्रेन के गिरने के बाद लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और इधर-उधर भाग रहे थे।
 
सफेद और लाल रंगे की क्रेन का मलबा मस्जिद पर गिरा और उसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जुम्मे की नमाज के दिन यानी शुक्रवार को ग्रैंड मस्जिद में सबसे अधिक भीड़ होती है। शाम को मगरीब की नमाज के समय वहां बड़ी संख्या में लोग होते हैं, जो हादसे के एक घंटे बाद होनी थी।
 
सरकारी सउदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, दो पवित्र मस्जिदों के प्रवक्ता अहमद बिन मोहम्मद अल मंसूरी ने कहा कि स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजकर दस मिनट पर तूफानी हवाओं और तेज बारिश की वजह से क्रेन का कुछ हिस्सा ध्वस्त हो गया।
    
एजेंसी ने कहा कि आज और वर्षा एवं तेज हवा चलने का अनुमान है। मक्का स्थित इस्लामिक हैरिटेज रिसर्च फाउंडेशन के सह संस्थापक इरफान अल अलावी ने हादसे की तुलना किसी बम विस्फोट की घटना से की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मस्जिद की अनदेखी कर कई क्रेन काम पर लगा रखी थीं।
 
उन्होंने कहा, उन्होंने धरोहर पर ध्यान ही नहीं दिया, स्वास्थ्य और सुरक्षा की परवाह नहीं की। पवित्र स्थल पर पुनर्निर्माण के धुर विरोधी अलावी ने कहा कि यह निर्माण पैगम्बर मोहम्मद से जोड़ने वाले संपर्कों को खत्म कर रहा है।
 
इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमरमानथा नासिर ने कहा कि दो इंडोनिशयाई नागरिकों की जान चले जाने के अलावा 30 से अधिक उसके नागरिक घायल हो गए, उनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
 
प्रवक्ता ने कहा, महावाणिज्य दूत इस बात का पता लगाने के लिए अब भी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटक रहे हैं कि कहीं ऐसे और इंडोनेशियाई तो नहीं हैं जो घायल हैं और जिनका पता नहीं चल पाया है। मलेशिया ने कहा कि उसके दस नागरिक घायल हो गए।
 
इरान की सरकारी संवाद समिति इरना ने हज संगठन के प्रमुख के हवाले से खबर दी कि 15 ईरानी हजयात्री घायल हुए हैं। दुनियाभर से नेताओं ने इस घटना में लोगों के मारे जाने पर शोक प्रकट किया है।
 
यह पहली बार नहीं है कि हजयात्रियों के साथ हादसा हुआ है। वर्ष 2006 में मीना के समीप शैतान को पत्थर मारने के रिवाज के दौरान भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी, लेकिन अरबों डॉलर की परियोजनाओं की वजह से हाल के वर्षों में हज करीब-करीब दुर्घटनामुक्त रहा।
 
मक्का में ग्रैंड मस्जिद के भाग का 4,00,000 वर्ग मीटर तक विस्तार करने के लिए व्यापक परियोजना चल रही है ताकि वहां एक बार में 22 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सके।
 
एसपीए ने बताया कि हज के लिए कल तक करीब 8,00,000 जायरीन पहुंच चुके थे। हज 21 सितंबर से शुरू होने की संभावना है। हर मुसलमान से अपने जीवन में एक बार हज करने की उम्मीद की जाती है। पिछले साल 20 लाख से अधिक लोगों ने हज में हिस्सा लिया था। (भाषा)