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Last Modified: सोमवार, 15 मई 2017 (17:43 IST)

फैसले से पहले ही पाक दे सकता हैं जाधव को फांसी : भारत

फैसले से पहले ही पाक दे सकता हैं जाधव को फांसी : भारत - Kulbhushan Jadhav Pakistan,ICJ
दि हेग। भारत को आशंका है कि सुनवाई पूरी होने से पहले ही उसके नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी दी जा सकती है। भारत के वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में आज यह बात कही।

जाधव को न तो अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करने का मौका दिया गया और न ही उन्हें काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया गया। आशंका है कि इस मामले में आईसीजे का फैसला आने से पहले ही उनकी मौत की सजा पर अमल किया जा सकता है।
 
साल्वे ने कहा कि जाधव को 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई गई है। उनसे जब इकबालिया बयान दिलवाया गया, तब वह पाकिस्तान की सैन्य हिरासत में थे।

जैसे ही आईसीजे में जाधव मामले की सुनवाई शुरू हुई, भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पूरी दुनिया में ‘बुनियादी’माने जाने वाले मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी है। भारत ने आईसीजे से कहा कि हम जाधव के लिए उचित कानूनी प्रतिनिधित्व चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र की मुख्य न्यायिक संस्था ने जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी है।
 
भारत ने 8 मई को पाकिस्तान पर कूटनीतिक रिश्तों पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सजा-ए- मौत को तत्काल रोकने की अपील की और कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की कूटनीतिक पहुंच के उसके 16 आग्रह ठुकरा दिए। भारत ने कहा कि 46 वर्षीय जाधव को राजनयिक मदद के सभी आग्रह ‘अनसुने’ कर दिए गए।
 
साल्वे ने अदालत से कहा कि मौजूदा परिस्थिति बहुत गंभीर है और यही कारण है कि भारत आईसीजे का हस्तक्षेप चाहता है। उन्होंने पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ सुनवाई प्रक्रिया को ‘हास्यास्पद’बताया और कहा कि पाकिस्तान ने अपने बेटे से मिलने के जाधव की मां के आग्रह का जवाब नहीं दिया।
 
भारत पहले अपना पक्ष पेश कर रहा है, इसके बाद पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा। दोनों पक्षों को 90-90 मिनट मिलेंगे। न्यायाधीश ने अपनी शुरुआती टिप्पणियों में कहा कि भारत को अपना पक्ष रखने के लिए 90 मिनट के बाद भी एक ‘संक्षिप्त विस्तार’ मिल सकता है।
 
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के संबंध में भारतीय नागरिक जाधव को सजा-ए-मौत सुनाई थी। भारत ने आठ मई को उसके खिलाफ आईसीजे में अपील दायर की थी। अपील के अगले दिन आईसीजे ने सजा पर स्थगनादेश लगा दिया।
 
आईसीजे में की गई अपील में भारत ने कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यवसाय कर रहे थे। बहरहाल भारत ने इस बात से इंकार किया कि उनका सरकार से कोई रिश्ता है।

पाकिस्तान का दावा है कि उसने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। आईसीजे में भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 18 वर्ष पहले मुकदमा चला था जब इस्लामाबाद ने अपनी नौसेना के विमान को मार गिराए जाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। 
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