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Last Modified: मंगलवार, 30 मई 2017 (13:03 IST)

यदि आप भी 'दुखी और बीमार' रहते हैं तो यह खबर आपके काम की है...

यदि आप भी 'दुखी और बीमार' रहते हैं तो यह खबर आपके काम की है... - If you are ill and in sorrow this news is for you
आधुनिक जीवन शैली के अपने नुकसान है, यह जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदेह भी, यदि आप भी अक्सर दुखी रहते है और मानसिक अशांति से परेशान है तो आपको अपनी कुछ आदतों पर ध्यान देने की जरूरत है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया दुखी और बीमार रहने का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। 
 
* स्मार्टफोन और सोशल मीडिया दुखी और बीमार रहने का एक बड़ा कारण
* फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करना सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य से समझौता 
* फेसबुक से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने का खतरा
 
आप भी बार-बार अपना फेसबुक प्रोफाइल चेक करते हैं, तो सावधान हो जाएं। दरअसल, एक शोध में पाया गया है कि ऐसे लोगों के उन लोगों की तुलना में ज्यादा दुखी और अस्वस्थ रहने की आशंका होती है, जो कभी-कभी फेसबुक चेक करते हैं।
 
अमेरिका में सैन डिएगो, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय 'यूसीएसडी' के शोधकर्ताओं ने साल 2013 से 2015 के बीच 5,208 लोगों से उनके फेसबुक इस्तेमाल करने के बारे में आंकड़े जमा किए। शोधकर्ताओं ने फेसबुक गतिविधि और शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, जीवन में संतुष्टि और बॉडी मास इंडेक्स के साथ वास्तविक दुनिया की सोशल नेटवर्क गतिविधि की जांच की।
 
आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करना सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य से समझौता करने से जुड़ा है। यूसीएसडी में सहायक प्रोफेसर हॉली शाक्या ने कहा कि जो लोग सोशल नेटवर्क वेबसाइट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वे कभी कभार इसका इस्तेमाल करने वालों के मुकाबले खुश और स्वस्थ नहीं होते।
 
अध्ययन में शामिल में अमेरिका के येल विश्वविद्यालय की निकोलस क्रिसटाकिस ने कहा कि फेसबुक का इस्तेमाल करना मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यहां तक कि यदि यूजर औसत के अधिक अपने प्रोफाइल को अपडेट कर रहे हैं और लाइक्स कर रहे हैं, तो उनके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने का खतरा अधिक होता है। यह शोध अमेरिकी पत्रिका एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
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