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Last Updated : बुधवार, 28 मार्च 2018 (18:01 IST)

ब्लैक होल में निगले जाने के बाद भी बच सकते हैं ?

ब्लैक होल में निगले जाने के बाद भी बच सकते हैं ? - Here's How You Could Survive Being Sucked Into a Black Hole
वाशिंगटन। आप न तो कल ही या भविष्य में कभी भी ब्लैक होल में निगले जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में खुद की कल्पना करने की कोशिश आप ऐसे व्यक्ति से कर सकते हैं जोकि भयंकर दर्द से छटपटा रहा हो। लेकिन गणितज्ञों, भौतिक विज्ञानियों और अन्य वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्षीय विचित्रता को समझने के लिए इसे व्यवहारिक अर्थों में समझना जरूरी है।  
 
कम से कम शोधकर्ताओं ने इस तरह के निष्कर्ष निकाले हैं। इस दल का नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के पीटर हिंज ने किया। जर्नल ऑफ फिजिकल रिव्यू लेटर्स में हाल ही में ब्लैक होल्स से संबंधित अध्ययन के निष्कर्षों की जानकारी दी है।
 
इससे पहले हम इन निष्कर्षों के बारे में बात करें, हमें याद कर लेना चाहिए कि सैद्धांतिक रूप से कुछ ब्लैक होल्स में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चार्ज होता है और कुछ में नहीं। लेकिन सभी ब्लैक होल्स में ' एक घटना क्ष‍ितिज (इवेंट हराइजन)' जरूर होता है। अगर आप इससे गुजरते हैं तो इसे आप 'पाइंट ऑफ नो रिटर्न' भी कह सकते हैं।  
 
अगर आप संयोग से ऐसे ब्लैक होल में गिर जाएं जिसमें एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चार्ज भी हो तो आप वास्तविक रूप से ऐसी स्थिति का सामना करेंगे जोकि पूरी तरह से अलग होगी। इसे कॉची क्षितिज के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यह अंतरिक्षीय सीमा है लेकिन इसके बारे में हमें जानकारी नहीं है। इसी कारण से हिंज और उनके दल के लोग इसके बारे में जानने को उत्सुक थे। 
 
न्यू साइंटिस्ट से बात करते हुए हिंज ने कहा कि इस बात को मानते हुए कि हम नहीं जानते हैं कि कॉची हराइजन के बाद क्या हो सकता है, यह विचित्र बात होगी जहां तक गणितीय दृष्टि कहती है। कॉची क्षितिज या हराइ्जन से आगे क्या हो सकता है, उसका हम नाम भी नहीं जानते हैं लेकिन विचारों और तर्कों को आगे बढ़ाने वाले सिद्धांत हमें उस निश्चितता तक पहुंचा सकते हैं कि इस स्थिति के बाद परिदृश्य कैसे होंगे?    
 
इस मामले में हम जो बात निश्चित तौर पर जानते हैं, वह यह है कि अगर आप कॉची क्षितिज के पास बहुत लम्बा समय गुजारते हैं तब गहरे अंतरिक्ष में आप बेहोश हो जाएंगे और संभवत: गुरुत्वाकर्षण बल के चलते आपकी मौत भी हो जाए। लेकिन इन दौरान पीरियड स्पेस-टाइम की सीमाएं भी बढ़ रही होंगी। संभवत: इसे ही दार्शनिक नियतिवाद कहते हैं।    
 
अगर हम यहां धरती पर अपनी वर्तमान स्थितियों को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं या फिर भविष्य के बारे में कोई अनुमान लगाना चाहते हैं तो हमें अपने अतीत में देखना होगा। लेकिन कॉची हराइजन के किनारे पर या अपनी विलक्षणता के कारण भौतिक शास्त्र के नियम प्रयोग में नहीं आते हैं। ऐसे में न हमारे अंदर कोई विचार आता है और न ही हम कोई भविष्यवाणी कर सकते हैं। 
 
लेकिन यहां एक अहम बात यह है कि हिंज की टीम का कहना है कि संसार तेजी से फैल रहा है और हम जैसा समझते हैं ससे कहीं अधिक युक्तिसंगत तरीके से यह उर्जा समान रूप से वितरित होती है। अगर ऐसी बात है और अगर हम अपनी स्पेसशिप के इंजन को तेजी से कॉची हराइजन से पार ले जाते हैं तो हम इसे दूसरी ओर ले जाने में सफल हो सकते हैं।  
 
पर इस बात को याद रखें कि हिंज की स्टडी की गणनाएं केवल ऐसे ब्लैक होल्स पर काम करती हैं जिनमें इलेक्ट्रिक चार्ज होता है। और इसके बारे में हम यही जानते हैं कि यह पूरी तरह से सैद्धांतिक बात है। लेकिन हिंज की टीम ने अपने शोध में कहा कि इन अवास्तविक इलेक्ट्रिकली चार्ज्ड ब्लैक होल्स के व्यवहार और बनावट को तभी देखा जा सकता है जबकि अन्य चक्कर लगाते ब्लैक होल्स के साथ मौजूद हों।
 
सैद्धांतिक या व्यवहारिक रूप से आपको ब्लैक होल में खींचे जाने की कोई संभावना नहीं है लेकिन इसके बारे में जान लेना बुरा भी नहीं है क्योंकि हिंज के अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि यह संभव है कि लौ‍किक परिदृश्य भी ब्लैक होल्स से व्हाइट होल्स तक पहुंच सकता है।