अब शुरू होगा ट्रेड वॉर, डोनाल्ड ट्रंप चीन से वसूलेंगे 104 प्रतिशत टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के अगले ही दिन व्हाइट हाउस ने चीन पर 104% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान कर दिया है। यह टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। अमेरिका के इस फैसले को दोनों देशों के बीच आर्थिक जंग की एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों की आर्थिक जंग का असर दुनियाभर में दिखाई देगा। विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ सकता है और चीन के साथ अमेरिका के संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं।
क्या होगा चीन का अगला कदम
चीन की तरफ से इस फैसले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बीजिंग इस पर जल्द ही प्रतिक्रिया देगा। जानकारों का मानना है कि चीन भी इस टैरिफ के जवाब में कड़े कदम उठा सकता है, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और गहरा सकता है। अब सभी की नजरें चीन के अगले कदम पर टिकी हैं।
पहले दी थी धमकी
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 34% टैरिफ को वापस नहीं लिया तो अमेरिका भी उस पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। अब व्हाइट हाउस की ओर से इस धमकी को अमलीजामा पहनाते हुए कुल 104% टैरिफ की घोषणा कर दी गई है। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह फैसला 9 अप्रैल से लागू होगा।
क्या कहा व्हाइट हाउस ने
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह चीन से आयात पर और पचास प्रतिशत का जवाबी प्रशुल्क लगाएगा और इस तरह चीन से अमेरिका पहुंचने वाले सामान पर आयात शुल्क 104 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। व्हाइट हाउस ने कहा है कि चीन पर 104 प्रतिशत प्रशुल्क की व्यवस्था मंगलवार आधी रात के बाद प्रभावी हो जाएगी।
व्हाइट हाउस की एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के श्रमिकों और उद्योगों की रक्षा के लिए जो उपाए किए है उसका दुनिया में असर दिख रहा है और करीब 70 देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने को तैयार हो चुके हैं।
महिला प्रवक्ता ने कहा कि दुनियाभर के देशों ने लंबे समय तक अमेरिका के श्रमिकों का हक लूटा जिसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रवक्ता ने इजरायल के प्रधानमंत्री बैंजामिन नेत्नाहू और श्री ट्रम्प की कल यहां हुई बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि इजरायल अमेरिका के खिलाफ आयात शुल्क खत्म कर अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में सहयोग करने के लिए तैयार हो गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल अन्य देशों के लिए एक मॉडल हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने इससे पहले इसी माह चीन पर 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया था। इससे पूर्व भी चीन से आयात पर बीस प्रतिशत की उच्च दर से शुल्क प्रभावी था। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन के खिलाफ 50 प्रतिशत अतिरिक्त प्रशुल्क लगाने की अमेरिका की धमकी तथा अन्य व्यापारिक भागीदारों पर आर्थिक दबाव और ब्लैकमेल बढ़ाने की उसकी कार्रवाई दर्शाती है कि अमेरिका दादागिरी की सोच रखता है। अखबार ने चीन के विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि अमेरिका अपने हितों को सबसे ऊपर और सबसे अलग रखना चाहता है और इसके लिए दूसरों पर त्याग करने का दबाव डाल रहा है। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma