• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. China claims its troops patrolling on Chinese side of LAC
Written By
Last Modified: बुधवार, 13 मई 2020 (21:31 IST)

चीन का दावा, सीमा पर सामान्य गश्त कर रहे हैं उसके सैनिक

चीन का दावा, सीमा पर सामान्य गश्त कर रहे हैं उसके सैनिक - China claims its troops patrolling on Chinese side of LAC
बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने पर चीन ने बुधवार को कहा कि भारत को इस मुद्दे को और अधिक ‘उलझाने’ वाली किसी गतिविधि से दूर रहना चाहिए। साथ ही चीन ने दावा किया कि ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिक चीनी सीमा के अंदर ‘सामान्य गश्त’ कर रहे हैं।
 
सीमा पर तनाव जारी रहने और यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटनाक्रम का संबंध कारोबार को चीन से बाहर आकर्षित करने की भारत सरकार की कथित योजना से असहमति से किसी रूप में जुड़ा है, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि सैनिकों की झड़प को लेकर दोनों देश राजनयिक स्तर पर संपर्क में हैं।
 
उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे पर चीन का रुख पहले जैसा और स्पष्ट है। चीनी सीमा पर तैनात सैनिक सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता कायम रखे हुए हैं।
 
प्रवक्ता ने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपनी ओर सामान्य गश्त कर रहा है। हम भारत से चीन के साथ काम करने और (मुद्दे को) उलझाने वाला कोई कदम उठाने से दूर रहने का अनुरोध करते हैं, ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता के लिए अनुकूल माहौल बन सके। उन्होंने कहा कि दोनों देश संबद्ध सीमा मुद्दे पर राजनयिक स्तर पर संवाद कर रहे हैं। यह तनाव पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में 5-6 मई को शुरू हुआ और जारी है।
 
सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि वहां मौजूद सैनिक शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि 5 मई को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के निकट चीन के कम से कम दो हेलीकॉप्टरों को उड़ते देखा गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने भी वहां उड़ान भरी।
 
झड़प के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के सैनिक अपने-अपने स्थानों पर बने रहे। हालांकि तनाव और बढ़ने की आशंका में अतिरिक्त सैनिकों को लाया गया।
 
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के हालात तनावपूर्ण बने रहे। हालांकि स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद 6 मई को दोनों पक्ष गतिरोध समाप्त करने पर सहमत हो गए। दिल्ली में एक सूत्र ने बताया कि 'स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।'
 
सूत्रों ने बताया कि इलाके में चीनी हेलीकॉप्टरों का देखा जाना कोई असमान्य घटना नहीं है, क्योंकि क्षेत्र में अपने तीन सैन्य अड्डों से भारत के सैन्य हेलीकॉप्टर भी उड़ान भरते हैं।
 
5 मई की देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प तथा पथराव की घटना हुई थी, जिसमें दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल हुए थे।
 
सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना में करीब 150 भारतीय और चीनी सैन्यकर्मियों के बीच शनिवार को चीन-भारत सीमा पर सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास झड़प हुई थी जिसमें दोनों ओर के कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आई थीं।
 
दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी। उसके बाद यह ऐसी पहली घटना है।
 
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम के पास 73 दिन तक गतिरोध रहा था। उस घटना से दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी उत्पन्न हो गई थीं।
 
भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। यह दोनों देशों के बीच अघोषित सीमा है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है, जबकि भारत इसका खंडन करता रहा है। दोनों पक्षों का कहना है कि सीमा मुद्दे का हल होने तक सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने डोकलाम गतिरोध के कुछ महीनों बाद अप्रैल 2018 में चीनी शहर वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता की थी।
 
वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने निर्णय किया था कि वे अपनी सेनाओं को संवाद मजबूत करने के लिए ‘रणनीतिक मार्गदर्शन’ जारी करेंगे जिससे उनमें विश्वास और समझ का निर्माण हो सके।
 
मोदी और शी के बीच दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन पिछले साल अक्टूबर में चेन्नई के पास मामल्लापुरम में हुआ था जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया गया था। (भाषा)
ये भी पढ़ें
Corona Live Updates : पूरी दुनिया में अब तक 2 लाख 94 हजार से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई