अहिल्या नगरी इंदौर में आस्था पर आघात, विसर्जन के दौरान गणेश प्रतिमाओं का अपमान, 9 निगमकर्मियों पर FIR
इंदौर। मां अहिल्या की नगरी इंदौर में किसी को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि आस्था पर इस तरह आघात किया जाएगा। निगमकर्मियों ने विसर्जन के दौरान जिस तरह से भगवान गणेश की प्रतिमाओं का अपमान किया, उसे देखकर लोगों में काफी गुस्सा है। इस घटना के बाद आयुक्त प्रतिभा पाल ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने सख्त एक्शन लेते हुए इस मामले से जुड़े अधिकारियों और और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ली है। साथ ही 9 कर्मचारियों के खिलाफ चंदननगर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
जानकारी के मुताबिक निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने इस मामले में सख्त एक्शन लेते हुए झोनल और प्रोग्राम अधिकारी को निलंबित कर दिया है साथ ही 9 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर सभी के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कराया गया है। इस पूरे मामले में आयुक्त ने निगम के पूरे अमले को भी कड़ा संदेश दिया है। आयुक्त की इस कार्रवाई से नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
सांसद ने भी जताई नाराजगी : इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने सोमवार को जवाहर टेकरी में नगर निगम कर्मचारियों द्वारा गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जन के दौरान फेंकने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।
लालवानी ने बताया कि इस मामले में उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह और नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल से कहा है कि ऐसे कृत्य के लिए जवाबदार लोगों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कृत्य को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी व्यक्त की है। नगर निगम ने अपने 9 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
दूसरी ओर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और विधायक संजय शुक्ला ने भी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला : धार रोड पर गिट्टी खदान में निगम अफसरों की मौजूदगी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा था। जैसे ही अधिकारी वहां से हटे तो निगम कर्मचारियों ने ट्रक और जेसीबी के अंदर से ही तालाब में मूर्तियों को फेंकना शुरू कर दिया। इस विसर्जन का वीडियो सामने आने के बाद पहले तो अधिकारियों ने इसे इंदौर का मानने से इंकार कर दिया, लेकिन पुष्टि होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया।
दरअसल, नगर निगम ने 85 वार्डों में गणेश प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की थी। उसमें पीओपी की मूर्तियों को व्यवस्थित तरीके से गिट्टी खदान वाले स्थान पर विसर्जित करने की बात कही थी।