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Last Modified: सोमवार, 12 जून 2023 (19:43 IST)

राहुल द्रविड़ की कोचिंग में क्यों लगातार मिल रही है असफलताएं?

राहुल द्रविड़ की कोचिंग में क्यों लगातार मिल रही है असफलताएं? - Rahul Dravid reveals the reason of recent failures under his tenure as coach
तकनीकी फैसले लेने में हिचकिचाहट, सीनियर खिलाड़ियों को आईना नहीं दिखा पाना और दूसरी जमात के खिलाड़ियों को तैयार नहीं करने से भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में महान बल्लेबाज Rahul Dravid राहुल द्रविड़ को उतनी सफलता नहीं मिल पा रही।

इस साल के आखिर में विश्व कप में भी यही हश्र रहा तो उनका अनुबंध बढ़ने की उम्मीद नहीं है । शायद वह खुद ही अनुबंध का विस्तार कराना नहीं चाहेंगे क्योंकि अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाने की कसक उनके चेहरे पर झलकने लगी है।

अपने जमाने में तेज गेंदबाजों को बेखौफ खेलने वाले द्रविड़ बतौर कोच सवालों की बौछार पर बगलें झांकते नजर आते हैं। वहीं इससे पहले कोच रहे रवि शास्त्री सवालों का सीधा जवाब देते थे , फिर वह आपको पसंद आये चाहे नहीं।

भारत की आस्ट्रेलिया के हाथों विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप हार के तुरंत बाद पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने स्टार स्पोर्ट्स पर इंटरव्यू के दौरान उनसे सवाल किया ,‘‘ राहुल, तुम लीजैंड रहे हो लेकिन उपमहाद्वीप के बाहर हमारे शीर्षक्रम के बल्लेबाज जूझते क्यो नजर आ रहे हैं।’’

इस पर द्रविड़ ने कहा ,‘‘ हमारे पास शीर्ष पांच में अनुभवी खिलाड़ी हैं जिन्होंने ऊंचे मानक कायम किये हैं । ये खिलाड़ी भविष्य में लीजैंड कहलायेंगे । उन्होंने आस्ट्रेलिया में दो श्रृंखलायें जीती, इंग्लैंड में टेस्ट जीते । हम जो कर सकते हैं, कर रहे हैं।’’इस बात से ना तो गांगुली संतुष्ट दिखे और न ही लाखों क्रिकेटप्रेमी जो टीवी के आगे नजरें गड़ाये बैठे थे।

सीनियर टीम के साथ दो साल के कार्यकाल में अक्सर द्रविड़ इसी तरह नजर आये हैं। उनके कोच बनने पर जितना उत्साह क्रिकेटप्रेमियों में देखा गया था, वह काफूर होता दिख रहा है।भारत की हार के बीज नागपुर, दिल्ली और इंदौर में ही पड़ गए थे जहां डब्ल्यूटीसी अंक लेने के लिये टीम खराब पिचों पर खेली । इससे बल्लेबाजों का आत्मविश्वास डोला और गेंदबाज तैयार नहीं हो सके।

ऋषभ पंत के हादसे में घायल होने और जसप्रीत बुमराह की चोट से भारत को नुकसान तो हुआ ही लेकिन बतौर कोच जोखिम नहीं लेने वाले द्रविड़ की रणनीति से भी कोई फायदा नहीं हुआ। वह सीनियर खिलाड़ियों को भी डपट नहीं सके जो रणनीति पर खरे नहीं उतर पा रहे।

भारतीय टीम अगले डब्ल्यूटीसी चक्र की शुरूआत एक महीने बाद वेस्टइंडीज दौरे से करेगी। क्या द्रविड़  अगले दो साल के लिये टीम बना सकेंगे जब रोहित, कोहली और पुजारा टीम का हिस्सा नहीं होंगे। क्या वह जोखिम लेंगे या उसी ढर्रे पर चलना पसंद करेंगे । इन सवालों के जवाब सिर्फ द्रविड़ के पास हैं।(भाषा)
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